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ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों पर रखें नजर, जिला पुलिस अधीक्षक ने जारी किया सर्कुलर

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रायपुर. प्रदेश के जनजाति बहुल क्षेत्रों में कई दशकों से ईसाई मिशनरीज़ मतांतरण के कार्य में लगी हैं. जनजाति समाज के भोले-भाले नागरिकों का ईलाज, पढ़ाई-प्रार्थना, और बहला फुसलाकर मतांतरण किया जाता है. इसी कारण पिछले कुछ समय से बस्तर के जनजातीय क्षेत्रों में धर्म परिवर्तित कर चुके ईसाई लोगों और स्थानीय जनजातियों के बीच विवाद होता रहता है.

अब इस मामले को लेकर सुकमा जिला पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी थानेदारों को एक सर्कुलर जारी किया है, स्थानीय जनजातीय समाज को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास की वजह से स्थानीय जनजाति समुदाय और धर्म परिवर्तित कर चुके ईसाइयों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है.

इसी कारण निर्देश दिया है कि जिले में निवासरत ईसाई मिशनरी और धर्म परिवर्तित कर चुके जनजातियों की अवांछित गतिविधियों पर कड़ी नजर रखकर उन पर विधि संगत कार्रवाई की जाए.

जिला पुलिस अधीक्षक ने लिखा है कि अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय जनजातियों को बहलाकर और लालच देकर जनजातियों को धर्म परिवर्तन करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय जनजातियों और धर्म परिवर्तित जनजाति समाज के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधि नजर आने पर त्वरित विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुलिस कंट्रोल रूम को अवगत कराना सुनिश्चित करें.

नोटिस जारी होने के बाद संभावना है कि स्थानीय मिशनरी समूह पूरी तरह से हड़बड़ा चुका हो. दरअसल, इस पूरे क्षेत्र में बीते लंबे समय से जनजाति समाज के लोगों को धर्म परिवर्तित कर ईसाई बनाने का व्यापार मिशनरी चला रहे हैं.

बीते वर्ष कोंडागांव जिले में स्थानीय जनजातीय समुदाय द्वारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन को अंजाम दिया गया था. बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग मिशनरी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे.

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