करंट टॉपिक्स

पुणे में ‘दो धागे श्रीराम के लिए’ अभियान का शुभारंभ, लाखों भक्तों ने करवाया पंजीकरण

Spread the love

पुणे (विसंकें). अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में ‘दो धागे श्री राम के लिए’ नामक अभियान पुणे में आरंभ हुआ है. अभियान के अंतर्गत रामलला के लिए वस्त्र तैयार करने के लिए हजारों लोग हथकरघे पर बुनाई कर रहे हैं. कुल 13 दिन चलने वाले अभियान के उद्घाटन समारोह में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और पुणे के हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से यह अभियान चलाया जा रहा है. जहां हजारों श्रद्धालु अपना योगदान देंगे, साथ ही बुनाई की संस्कृति से भी जुड़ सकेंगे. अभियान का शुभारंभ रविवार, 10 दिसंबर को केन्द्रीय बाल एवं महिला कल्याण तथा अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों हुआ. मंत्री स्मृति ईरानी ने खुद भी प्रभु श्रीराम के लिए कपड़े बुने. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी जी महाराज उपस्थित थे. कार्यक्रम में अभियान की आयोजक अनघा घैसास लिखित ‘राम जन्मभूमीचे रामायण’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

अभियान के अंतर्गत अयोध्या में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के लिए वस्त्र बुनने का अवसर लोगों को मिल रहा है. इसके लिए काकडे फार्म नामक स्थान पर २५ हथकरघे लगाए गए हैं, जिन पर लोग वस्त्र बुन रहे हैं. हर व्यक्ति हतकरघे पर दो-दो धागे बुनेगा, जिससे बनने वाले रेशमी वस्त्र प्रभु श्रीराम को समर्पित होंगे.

अनघा घैसास ने रामलला के लिए चलाए जा रहे अभियान में लोगों के भारी प्रतिसाद की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि २२ दिसंबर तक चलने वाले इस उपक्रम में भाग लेने के लिए लगभग 10 लाख लोगों ने ‘दो धागे’ बुनाई के लिए पंजीकरण कराया है. कार्यक्रम में सभी जातियों, पंथों और क्षेत्रों के नागरिक भाग ले सकेंगे. वित्तीय व क्षेत्रीय असमानता की सभी बाधाओं को तोड़ते हुए एकजुट होंगे और श्रीराम के लिए अपनी भक्ति को धागों में पिरोएंगे.

घैसास ने कहा कि रामलला के लिए वस्त्र मुख्य रूप से रेशम से तैयार किए जाएंगे और चांदी की जरी से सजाए जाएंगे. अभियान को बल उस समय मिला, जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और गोविंददेव गिरि जी महाराज ने दौरा किया. दोनों ने हथकरघा गतिविधियों में भाग लिया. अभियान का उद्देश्य रामलला के प्रति पूज्यभाव दिखाने के साथ-साथ हथकरघा की कला को बढ़ावा देना भी है.

भय्याजी जोशी ने कहा कि “सन् २०१४ से २०२४ तक हिन्दू धर्म के आस्था के विषयों के हल निकालने के प्रयास हुए हैं. भारत में श्रीराम के मंदिर लाखों हैं और वहां पूजा-अर्चना भी होती है. लेकिन अयोध्या का राम जन्मभूमि मंदिर राष्ट्र मंदिर होगा और राम की सेना द्वारा ही मंदिर बनाया जाएगा”.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *