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समाज के लिए आवश्यक प्रत्येक काम करना, समाज का ही कर्तव्य – डॉ. कृष्णगोपाल जी

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पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि यह विचार कि सब कुछ सरकार ही करेगी, एक पाश्चात्य और गलत विचारधारा है। सुरक्षा, न्याय जैसी कुछ व्यवस्थाएँ और छोटे-बड़े कुछ काम सरकार निश्चित रूप से करेगी। लेकिन समाज के लिए आवश्यक प्रत्येक काम करना, यह समाज का ही कर्तव्य है। इस विश्वास को समाज में पुनः स्थापित करना आवश्यक है। इसके लिए ‘जनकल्याण समिति’ जैसी संस्थाओं का कार्य और तेज़ी से आगे बढ़ना चाहिए। इसी से समाज प्रगति करेगा।

सह सरकार्यवाह ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति’ द्वारा शनिवार को आयोजित ‘पूजनीय श्री गुरुजी पुरस्कार’ वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे। राजस्थान के कोटा जिले के ‘गोयल ग्रामीण विकास संस्थान’ और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी पी. आर. श्रीजेश को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री संकेश्वर पीठ के श्री स्वामी शंकराचार्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। शॉल, श्रीफल, सम्मान चिन्ह, प्रमाणपत्र और एक लाख रुपये पुरस्कार के रूप में प्रदान किये गए। पुणे महानगर संघचालक रवींद्र वंजारवाडकर भी मंच पर उपस्थित रहे।

सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि संघ का व्यक्ति निर्माण का कार्य शुरुआत में समाज की नजरों से ओझल था। उस समय यह भी आलोचना की गई थी कि संघ युवा शक्ति को बर्बाद कर रहा है। लेकिन बाद में समाज के प्रति संघ का समर्पण और समाज के दुःख को अपना दुःख मानते हुए स्वयंसेवकों ने हजारों सेवा कार्यों की शुरुआत की। इसका लाखों लोगों को लाभ हुआ। समाज में जाकर आवश्यक सेवा कार्य करना संघ की अद्भुत कार्यशैली रही है।

भक्ति भाव का नाम ही अध्यात्म है और संवेदना, करुणा, यही अध्यात्म का मूल है। हाल ही में प्रयागराज में हुआ महाकुम्भ भी इसी आध्यात्मिक भावना का प्रतीक था। करुणा, प्रेम, समर्पण की भावना कुम्भ में दिखी। कुम्भ ऐक्य की भावना का प्रतीक है।

‘गोयल ग्रामीण विकास संस्थान’ द्वारा जैविक कृषि और संबंधित शोध कार्य महत्वपूर्ण और सफल तरीके से चलाए जा रहे हैं। यदि इस मॉडल को देशभर में लागू किया जाए तो किसानों को बड़ा लाभ होगा, यह विश्वास संस्थान के अध्यक्ष ताराचंद गोयल ने व्यक्त किया।

पीआर श्रीजेश ने कहा कि हॉकी में जो उपलब्धि मैंने हासिल की, उससे बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी तैयार करना और देश के लिए ऐसे खिलाड़ी तलाशना, यही मेरा लक्ष्य है। हॉकी में कांस्य पदक से स्वर्ण पदक की ओर हमारे देश की यात्रा का लक्ष्य है।

दुनिया में भारत को ‘विश्वगुरु’ का सम्मान निश्चित रूप से मिलेगा, यह विश्वास श्री स्वामी शंकराचार्य ने व्यक्त किया।

‘जनकल्याण समिति’ के अध्यक्ष डॉ. अजित मराठे ने उद्घाटन भाषण में समिति के सेवा प्रकल्पों की जानकारी दी। समिति के सह कोषाध्यक्ष चंदन कटारिया ने अतिथियों का परिचय कराया। ‘सेवा भारती’ संस्था के सचिव प्रदीप सबनीस ने आभार व्यक्त किया और डॉ. प्रांजली देशपांडे ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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