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प्रवर्तन निदेशालय – तबलीगी जमात फंडिंग को लेकर देशभर में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी

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नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने तबलीगी जमात फंडिंग को लेकर देशभर में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के जाकिर नगर सहित, मुंबई, कोच्चि के अलावा अन्य स्थानों पर छापेमारी की. ईडी ने तबलीगी जमात से जुड़े लगभग 20 स्थानों पर छापेमारी की.

प्रवर्तन निदेशालय ने तबलीगी जमात से जुड़े जिन ठिकानों पर छापेमारी की है, उनमें से दिल्ली के सात ठिकाने शामिल हैं. इसके अलावा मुंबई में पांच, हैदराबाद में चार और केरल के तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई है.

माना जा रहा है कि इन समस्त स्थानों पर मौलाना साद के नजदीकी लोग रहते हैं, इसलिए यहां से फंडिग के सुराग मिल सकते हैं. दिल्ली के ठिकानों में से जाकिर नगर अहम है. ये वही क्षेत्र है, जहां तबलीगी जमात का मुख्यालय है.

जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी, जमात से जुड़े ट्रस्टों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज फंडिंग को लेकर छापेमारी की. यह कार्यवाही पीएमएलए के तहत की जा रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की एक शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद मौलाना साद और अन्य के खिलाफ अप्रैल में मामला दर्ज किया था.

देश में तबलीगी जमात का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद मौलाना साद पर पुलिस ने शिकंजा कसा था. ईडी ने मौलाना साद के चार सहयोगियों से पूछताछ भी की थी. जिससे यह पता लगाया जा सके कि मरकज के फंड की देखभाल कौन करता था? ये फंड कहां से और कैसे आता है? क्या यह फंड डोनेशन के जरिए आता है? ईडी ने मौलाना साद को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अभी तक वह हाजिर नहीं हुआ है.

तबलीगी जमात को कुछ विदेशी और घरेलू स्रोतों से प्राप्त चंदा भी एजेंसी की जांच के दायरे में है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 31 मार्च को मौलाना साद और तबलीगी जमात के कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. यह एफआईआर लॉकडाउन के आदेश का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन में लोगों की भीड़ जमा करने के मामले में दर्ज की गई थी. इसके बाद मौलाना साद और उसके साथियों के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. बार-बार प्रयासों के बावजूद आयोजकों ने स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी सरकारी एजेंसी को मरकज के अंदर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने के बारे में सूचित नहीं किया और जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना की.

 

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