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भगौड़े कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को इंग्लैंड के गृह मंत्रालय ने दी स्वीकृति

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नई दिल्ली पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को इंग्लैंड के गृह मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. जिसके बाद नीरव का भारत को प्रत्यर्पण तय हो गया है. फरवरी माह में वेस्टमिंसटर कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण पर आखिरी सुनवाई हुई थी, जिसके पश्चात कोर्ट ने नीरव को भारत भेजने की मंजूरी दे दी थी. जज ने कहा था कि नीरव मोदी को भारत में चल रहे केस में जवाब देना होगा. नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से ऋण लेकर करीब 14 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. घोटाला सामने आने के पश्चात नीरव मोदी जनवरी 2018 में देश छोड़कर फरार हो गया था. न्यायालय ने भगौड़ा घोषित किया था.

इंग्लैंड के कोर्ट ने नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील भी खारिज कर दी है. कोर्ट ने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 को नीरव के लिए फिट बताया. 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किए गए नीरव मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को डराने की साजिश रचने का आरोप है.

इंग्लैंड के गृह मंत्रालय की ओर से प्रत्यर्पण के आदेशों पर दस्तखत का मतलब ये नहीं है कि उसे तुरंत भारत भेज दिया जाएगा. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद अभी नीरव मोदी हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.

नीरव मोदी जिस जेल में रहेगा, वहां क्या-क्या होगा?

महाराष्ट्र के प्रिजन डिपार्टमेंट ने 2019 में ही लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में बैरक नंबर-12 के बारे में जानकारी साझा की थी. प्रिजन डिपार्टमेंट ने बताया था कि नीरव मोदी को जहां रखा जाएगा, वो जगह हाई सिक्योरिटी वाली होगी और वहां उसे मेडिकल फैसिलिटी भी मिलेगी. अगस्त 2020 में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने बैरक नंबर-12 का वीडियो भी देखा था. इसके बाद ही कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत लाने की मंजूरी दी.

कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी बैरक नंबर-12 में पूरी तरह से सेफ रहेंगे. नीरव की दलील थी कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और अगर उसे भारत भेजा जाता है, तो वो सुसाइड कर लेगा. इस पर भी कोर्ट ने कहा कि बैरक नंबर-12 में नीरव के सुसाइड करने के चांस नहीं हैं, क्योंकि वहां उनकी हेल्थ का पूरा ख्याल रखा जाएगा.

इनपुट – मीडिया रिपोर्ट्स

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