नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने भले ही कानून बनाकर तीन तलाक को गैरकानूनी करार दे दिया हो, अपराध की श्रेणी में रखा गया है, सजा का प्रावधान भी किया गया है. लेकिन देश में तीन तलाक के मामले रुक नहीं रहे हैं. हाल ही के दिनों में तीन तलाक की अनेक घटनाएं सामने आई हैं.
सूरत (गुजरात) के डिंडोली थाना क्षेत्र में मोहर्रम के दिन एक पति ने अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कहकर घर से बाहर निकाल दिया. पीड़िता ने थाने में शिकायत देकर पति, सास और ननद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. पीड़िता का आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोग दहेज को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते है.
दूसरी घटना, मूल रूप से कानपुर के रहने वाला शख्स जो दुबई में चार्टर्ड अकाउंटेंट है. दहेज में 25 लाख रूपये न मिलने पर पत्नी को प्रताड़ित करता था. मारपीट के साथ पत्नी का गर्भपात भी करवा दिया, इतना ही नहीं गर्म चिमटे से दागता था. इतना सब करने के बाद तीन तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया. पीड़िता की मां ने आरोपी के खिलाफ केसरबाग कोतवाली पहुंचकर दामाद और उसके परिवार वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. विवाहिता ने बताया कि 4 मई को तैय्यब दुबई से वापस आया तो एक बार फिर से उसे मनाने का प्रयास किया गया. हालांकि वह पैसे देने की बात पर ही अड़ा रहा. जब पीड़ित पक्ष ने परेशानी का जिक्र किया तो तैय्यब ने तीन तलाक देते हुए रिश्ता ही खत्म कर दिया.
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से भी तीन तलाक का मामला आया है. पति ने व्हाट्सएप पर ही पत्नी को तीन तलाक भेजकर रिश्ता खत्म कर दिया. पीड़ित महिला थाने पहुंचकर न्याय की मांग करते हुए अपनी आपबीती सुनाई. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति, जेठ और जेठानी मिलकर काफी समय से प्रताड़ित कर रहे थे और कुछ दिन पहले ही घर से निकाल दिया, अब फोन से तलाक लिखकर भेज दिया. पीड़िता का कहना है कि जब केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक को लेकर कानून बनाया गया है तो फिर कैसे उसका पति तलाक दे सकता है. फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की अलग-अलग धारा-498, 323, 506 के साथ तीन तलाक अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
हरियाणा के पुन्हाना में स्विफ्ट गाडी की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया. पीड़िता ने शिकायत बिछोर पुलिस को देकर पति सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.
जांच अधिकारी एचसी मुकेश ने बताया कि पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी शादी सांचाली, कोसीकलां निवासी नासिर पुत्र जाकिर से मुस्लिम रीति रिवाज से हुई. शादी में उसके पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दान दहेज दिया, लेकिन आरोपी दहेज से नाखुश थे. उसे ताना देकर मारपीट करते थे. आरोपी उनसे बार बार मायके से पैसे लाने के लिए कहते थे. इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़िता से स्विफ्ट कार लाने के लिए भी कहा. पीड़िता ने बताया कि जब उसने ऐसा करने से मना किया तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट कर तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया. पीड़िता की शिकायत पर पति नासिर, जेठ मुस्तकीम, ससुर जाकिर, सास सगरी, जेठानी शबनम, ननद जरसीना के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
तीन साल पहले 01 अगस्त, 2019 को तीन तलाक कानून लागू किया गया था. पहले तीन तलाक के तहत कोई पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोल कर छोड़ देता था. लेकिन, अब यह गैरकानूनी है. तीन तलाक कानून के अंतर्गत अगर कोई पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोल कर छोड़ देता है तो उसे कानूनन तीन साल की सजा हो सकती है और पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है.