चित्तौड़गढ़ , 09 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक जी ने विद्या निकेतन, चित्तौड़गढ़ में 351वें हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतवर्ष में कई पराक्रमी राजा-महाराजा हुए हैं। पर, शिवाजी महाराज अकेले ऐसे राजा थे जिन्होंने घोषणा करके हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की। वह कभी भी नहीं चाहते थे कि उनका राज्याभिषेक हो, पर गागा भट्ट के आग्रह पर उन्होंने अपना राज्याभिषेक स्वीकार किया। वह हर समय यही कहते रहते थे कि यह तो मां भवानी का राज्य है।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का स्वराज का स्वप्न केवल सत्ता प्राप्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि वह सुराज यानी लोकहित आधारित शासन की सशक्त नींव रखने वाले पहले शासक थे। शिवाजी महाराज की योजनाएं, गुप्तचर तंत्र, नौसेना विकास, दुर्ग व्यवस्था और न्याय प्रशासन आज भी प्रबंधन, रक्षा एवं प्रशासन के छात्रों हेतु अध्ययन का विषय है।
उन्होंने कहा कि किसी में इतनी ताकत नहीं कि भारत को समाप्त कर सके, क्योंकि इस देश ने वीर सावरकर जैसे महान आत्मबलिदानी पैदा किए हैं। वीर सावरकर समर्पण की पराकाष्ठा थे – जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति विशिष्ट व अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित सेवानिवृत डीआईजी बीएसएफ रणविजय सिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा का बड़ा महत्व है। शिक्षा से ही राष्ट्र की प्रगति हो सकती है। देश पहले, यह भावना हर नागरिक के हृदय में होनी चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में घोष रचना के साथ ध्वजारोहण, शिवाजी महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। शिवाजी महाराज द्वारा मिर्जा राजा जयसिंह को लिखे पत्र का वाचन किया गया।
प्रेरणादायक पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु साहित्य विक्रय स्टॉल लगाया गया। गौ संवर्द्धन एवं स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने हेतु गौ-उत्पाद विक्रय केंद्र भी लगाया गया। समारोह में मंच पर विभाग संचालक हेमंत जी जैन और जिला संघचालक अनिरुद्ध सिंह भाटी उपस्थित रहे।