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वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्‍या देवी है – आनंदीबेन पटेल

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लखनऊ. संघ प्रेरित संस्था ‘प्रेरणा’ ने सोमवार को चैत्र-नवरात्रि के अवसर पर 2100 कन्‍याओं का पूजन एवं वंदन किया. गोमतीनगर विस्‍तार स्‍थ‍ित सीएमएस ऑडिटोरियम में मुख्‍य अतिथि राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम में कहा कि जिस प्रकार हम भारत माता की पूजा करते हैं, ठीक उसी प्रकार हम कन्‍याओं की भी पूजा करते हैं. इसका पर्याय यह है कि यही बच्‍च‍ियां बड़ी होकर एक आदर्श समाज का निर्माण करती हैं. वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्‍या देवी है. इनकी शिक्षा और सुरक्षा हमारा प्रमुख दायित्‍व है. इस अवसर पर लखनऊ की पूर्व मेयर संयुक्‍ता भाटिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रांत प्रचारक कौशल जी, सहित अन्य उपस्‍थ‍ित रहे.

कन्‍याओं के चरण धोये एवं तिलक लगाया

सेवा बस्‍त‍ियों में रहने वाली 2100 कन्‍याओं का ‘प्रेरणा परिवार’ द्वारा सोमवार को सुबह 10:00 बजे चैत्र-नवरात्रि के पावन अवसर पर पूजन किया गया. परिवारों की 200 से अधिक महिलाओं ने कार्यक्रम की शुरुआत में कन्‍याओं के चरण धोए एवं तिलक लगाया. इसके बाद राष्‍ट्रगान के साथ सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आरम्‍भ हुए. कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने कन्‍याओं के चरण धोए उन्‍होंने कहा कि हर परिवार की जिम्‍मेदारी है कि वह अपनी कन्‍या को उचित शिक्षा दे. यही कन्‍याएं देवी का स्‍वरूप हैं. वह बड़ी होकर समाज के विकास करने में अहम योगदान देती हैं. बेटी चाहे आदिवासी समाज की हो या पिछड़े बस्‍ति‍यों में रहने वाली, उन्‍हें उचित शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था मिलनी चाहिये. समाज के हर व्‍यक्‍त‍ि का दायित्‍व है कि वह कन्‍याओं का विशेष ध्‍यान रखे. उन्‍होंने मातृशक्‍ति के सन्‍दर्भ में कहा कि एक महिला जब गर्भावस्‍था से गुजर रही होती है तो वह जो खाती है, पीती है, पढ़ती है, उसका गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत प्रभाव पड़ता है.

सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

‘प्रेरणा परिवार’ भारत की पारम्‍परिक रितियों को व्‍यापक रूप देते हुए समाज में समरसता का संदेश संचारित करने का कार्य करता है. इसी के अन्‍तर्गत कार्यक्रम के प्रारम्‍भ में विभिन्‍न सेवा बस्‍त‍ियों से आमंत्र‍ित 2100 कन्‍याओं का पूजन किया. उपस्‍थ‍ित जनसमूह के सामने कुछ बच्‍चों ने महिषासुरमर्द‍िनी स्‍त्रोत पाठ एवं जय अम्‍बे गीत पर मनमोहक प्रस्‍तुति दी. इसके बाद माता अम्‍बे की आरती का कर्णप्र‍िय गायन गायक ओंकार जी ने किया. अंत में बच्‍चों को राज्‍यपाल एवं अन्‍य अतिथियों ने भोज कराने के साथ ही उपहार स्‍वरूप स्टेशनरी किट बांटे.

बच्‍चों के बनाए सामान देख सबने की सराहना

सेवा बस्‍त‍ियों में रहने वाली बच्‍च‍ियों द्वारा लगाये गये स्‍टॉल पर जाकर राज्‍यपाल ने प्रोत्‍साहन स्‍वरूप बच्‍चों से बातचीत की. आयोजकों ने राज्‍यपाल को बताया कि सेवा बस्‍तियों में रहने वाले बच्‍चों में विभिन्‍न प्रकार के कौशल हैं. वे अपने घरों में भी कुछ छोटे-छोटे कार्यों द्वारा परिवार के जीविकोपार्जन में सहयोग करते हैं. अत: उनके द्वारा अपने घरों में तैयार सामग्रियों का स्टॉल भी कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया था, जो आगन्तुकों के लिये विशेष आकर्षण का केन्‍द्र रहा.

 

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