नई दिल्ली. चीन की सरकार के साथ ही चीन का सरकारी मीडिया भी भारत को लेकर नकारात्मकता फैला रहा है. चीन में भारतीय दूतावास ने चीन के मीडिया की सच्चाई का खुलासा किया है. सरकारी मीडिया ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के झूठे दावों को प्रकाशित किया, लेकिन जब भारत की ओर से रखे गए तो उन्हें छापने से मना कर दिया. जिसके पश्चात भारतीय दूतावास ने ट्वीटर पर घटनाक्रम की जानकारी दी. चीन के सरकार नियंत्रित मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने 07 अगस्त को कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के राजदूत मोइन उल हक के झूठे दावों को प्रकाशित किया था. लेकिन जब भारतीय दूतावास ने इस संबंध में अपना पक्ष प्रस्तुत किया तो ग्लोबल टाइम्स ने इसे प्रकाशित करने से साफ इनकार कर दिया.
भारत ने पाक-चीन गठजोड़ का खुलासा किया
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारतीय दूतावास ने पूरे मामले की विस्तार से जानकारी दी. बयान में भारतीय दूतावास ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस मामले में पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी अन्य देश को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. वहीं पाकिस्तानी राजदूत की गलतबयानी से हमें कोई आश्चर्य भी नहीं हुआ है.
अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद कश्मीर का विकास तेज हुआ
भारतीय दूतावास ने बयान में कहा कि जम्मू और कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति की है और इसे छिपाया नहीं जा सकता है. घाटी में इस फैसले से सकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अधिकारों का अधिक प्रभावी संरक्षण और संवर्धन हुआ है. फैसले से खासकर महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समाज को विशेष फायदा हुआ है.
अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से जम्मू और कश्मीर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी ढांचों के निर्माण को लेकर उल्लेखनीय काम हुआ है. इस क्षेत्र में 50 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों को स्थापित किया गया है. पिछले एक साल में 5 लाख से ज्यादा कश्मीरी छात्रों को सरकारी छात्रवृति दी गई है. स्टेट ऑफ ऑर्ट हॉस्पिटल्स, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज इस क्षेत्र में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे.
भारत के क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास को स्थापित करने के प्रयासों को पाकिस्तान बाधित कर रहा है. सीमा पार से आतंकवाद के जरिए पाकिस्तान इस क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 2020 के शुरुआती 7 महीनों में 3000 से अधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर आतंकियों के घुसपैठ के लिए रास्ता उपलब्ध कराया है.
The Global Times @globaltimesnews declined to carry the Indian Embassy’s response to this interview. You can read our response here: pic.twitter.com/YUFPkTLmVW
— India in China (@EOIBeijing) August 13, 2020