कोरोना से मृत्यु होने पर हिंदू का करते हैं दाह संस्कार तो मुस्लिम को करते हैं सुपुर्द-ए-खाक
हरियाणा (विसंकें). यमुनानगर जिले की नगर निगम की 6 कर्मचारियों की टीम समाज के समक्ष मानवता का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है. नगर निगम में कार्यरत यह कर्मचारी मानवता के धर्म को सब धर्मों से बड़ा मान कर कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. यदि मरने वाला हिन्दू है तो उसका अंतिम संस्कार करते हैं और यदि मरने वाला मुस्लिम है तो उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जाता है.
नगर निगम कर्मचारियों की यह टीम कोरोना से मरने वाले लगभग 15 लोगों का संस्कार करवा चुकी है. इनमें कुछ हिन्दू तो कुछ मुस्लिम भी थे. हिन्दू होते हुए भी मुस्लिम रीति रिवाज से खुद कब्र की खुदाई कर मृतकों को सुपुर्द-ए-खाक किया.
निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अमित कांबोज के नेतृत्व में शशि कुमार, विजय कुमार, धीरज, सुंदरपाल व शुभम की टीम बनाई है. ये लोग दूसरों के संस्कार की सभी रस्में अदा कर रहे हैं. इनका कहना है कि जब संस्कार कराने के लिए ड्यूटी लगाई तो वे पीछे नहीं हटे, तब उन्हें पता भी नहीं था कि सरकार इसके अलग से पैसे देगी.
24 घंटे ड्यूटी के लिए रहना पड़ता है तैयार
कोरोना से मौत होने पर 5 कर्मचारियों के साथ श्मशान घाट में पहुंचते हैं. 24 घंटे तैयार रहना पड़ता है, क्योंकि पता नहीं चलता कि किस समय किसकी मौत की सूचना आ जाए. एक दिन हाफिजपुर के व्यक्ति की मौत हो गई थी. रात 12 बजे उन्हें घर से संस्कार कराने आना पड़ा था.