भोपाल (विसंकें). भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया. बैठक में कोरोना संबंधी सभी गाइडलाइंस का विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. बैठक में शामिल होने वाले सभी अधिकारियों का बैठक स्थल के प्रवेश द्वार पर ही तापमान माप कर पर्याप्त सेनेटाइजेशन किया जा रहा है.
कोरोना काल में शुरू हुईं परिवार शाखा
बैठक में कार्यकर्ताओं ने बताया कि कोरोना काल में संघ की पारंपरिक शाखाएं लगा पाना संभव नहीं था. इसीलिए उसके स्थान पर परिवार शाखाएं प्रारंभ की गई. इन शाखाओं के माध्यम से जहां संघ का विचार परिवार के सभी सदस्यों तक पहुंचा. वहीं शाखाओं की संख्या भी बढ़ी है, संघ की शाखाओं में योग एवं प्राणायाम का नियमित अभ्यास किया गया, जिसका प्रत्यक्ष लाभ परिवार के सदस्यों को मिला. जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि हुई.
परम्पराएं हुई पुनर्जीवित
संघ की कुटुंब शाखाओं के कारण परिवार के सदस्यों में संवाद बढ़ा एवं राष्ट्र हित की भावना जागृत करने के साथ ही छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से भारतीय विचार को परिवारों में पहुंचाया. इन प्रयासों से स्वदेशी एवं आत्मनिर्भर भारत का विचार परिवार तक पहुंचा एवं सामूहिक भोजन, संध्या प्रणाम, सामूहिक व्याख्यान जैसी कई पुरानी पारिवारिक परंपराएं पुनर्जीवित हुईं. संघ ने परिवारों से बाल गोकुलम के माध्यम से अपने पड़ोस में रह रहे ऐसे बच्चों को शिक्षा देने का आवाहन किया था जो लॉकडाउन के कारण अपनी पढ़ाई प्रारंभ नहीं कर पा रहे थे. ऐसे कई परिवारों को अभियान से जोड़ा, जिससे उन्होंने अपने आस पड़ोस के बच्चों को शिक्षित एवं संस्कारवान बनाने की व्यवस्था बनाई.
सालों पुरानी परंपरा को तोड़ छोटे स्तर पर शस्त्र पूजन
समाज के हित को ध्यान में रखते हुए संघ ने अपनी स्थापना से निरंतर चली आ रही शस्त्र पूजन और पथ संचलन के कार्यक्रम को भी इस वर्ष स्थगित रखा. देश भर में कहीं भी बड़े स्तर पर शस्त्र पूजन या पथ संचलन का आयोजन नहीं किया गया. इसके स्थान पर छोटे-छोटे समूहों में शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया. इसके कारण शस्त्र पूजन की परंपरा गली मोहल्लों तक पहुंची और हर घर में शस्त्र पूजन आयोजित हुए.
कई विषयों के प्रशिक्षण ऑनलाइन
ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए संघ ने अपने दायित्ववान कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की. जिसमें शाखा स्तर से लेकर विभाग स्तर तक के कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन माध्यमों से प्रशिक्षण दिया गया ताकि वह समाज में चल रहे सेवा कार्यों को सतत आगे चलाते रहें और समाज के व्यक्ति और संस्थाओं को साथ में जोड़ते हुए आगे बढें.