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घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकेंगे मनपसंद स्ट्रीट फूड, पांच शहरों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

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सरकार ने स्विगी के साथ किया समझौता, स्ट्रीट वेंडर्स के व्यवसाय में होगी बढ़ोतरी

नई दिल्ली. चटपटे खाने के शौकीन हैं. पर, वर्तमान में कोरोना संकट के कारण गली के नुक्कड़ (स्ट्रीट वेंडर) पर मिलने वाले मनपसंद चटपटे व्यंजन के लिए बाहर निकलने से डर रहे हैं तो अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. घर बैठे मनपसंद चटपटे व्यंजन का आनंद ले सकेंगे. साथ ही सरकार की नई योजना से स्ट्रीट वेंडर्स के व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी.

स्ट्रीट वेंडर्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के साथ एक समझौता किया है. यह समझौता प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत किया गया है.

कोविड महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग न्यू नॉर्मल बन गया है. इस समझौते के चलते स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीधे घर बैठे ग्राहकों तक पहुंचा सकेंगे. इससे स्ट्रीट वेंडर को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कारोबार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले चरण में पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. स्विगी अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा. इन शहरों के 250 वेंडर्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के पश्चात अलग-अलग चरणों में योजना को पूरे देश में शुरू किया जाएगा. समझौते के अनुसार, स्विगी की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स को रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग की तकनीक, ऐप का इस्तेमाल, मैन्यू डिजिटाइजेशन और प्राइसिंग, हाइजीन और पैकिंग में सहायता की जाएगी.

केंद्र सरकार ने जून में पीएम स्वनिधि योजना लॉन्च की थी. इस योजना का उद्देश्य कोरोना संकट के कारण प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को फिर से आजीविका शुरू करने के लिए किफायती वर्किंग कैपिटल ऋण देना था. योजना के तहत देश के 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाना है. योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर 10 हजार रुपए तक का वर्किंग कैपिटल ऋण ले सकते हैं.

4 अक्तूबर तक लोन के लिए 20 लाख आवेदन मिले

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 4 अक्तूबर तक पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण के लिए 20 लाख से अधिक आवेदन मिल चुके हैं. इसमें से 7.5 लाख ऋण को मंजूरी दी जा चुकी है. वहीं, 2.4 लाख मामलों में ऋण की राशि का आवंटन किया जा चुका है. इस स्कीम के तहत ऋण की वापसी 1 साल में करनी है. इस राशि पर 7 फीसदी सालाना की दर से ब्याज वसूला जाएगा. समय पर भुगतान करने वाले वेंडर्स को 1 फीसदी की छूट दी जाएगी.

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