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COVID-19 से जंग – नागपुर महानगर पालिका व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोक कल्याण समिति का ‘मिशन विश्वास’

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नागपुर (विसंकें). पिछले कुछ दिनों से नागपुर में कोरोना पॉजिटिव रुग्णों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने तथा कोरोना संक्रमितों का पता लगाने के लिये नागपुर महानगर पालिका (NMC) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोक कल्याण समिति ने ‘मिशन विश्वास’ प्रारंभ किया है. अभियान के तहत बड़ी संख्या में कोरोना संदिग्धों का परीक्षण किया जा रहा है. संदिग्ध रोगियों का समय पर परीक्षण, बीमारी के प्रसार को सीमित करने और कोरोना से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक ठोस उपाय है. बड़ी संख्या में आ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों के कारण, सरकारी तंत्र भी अपर्याप्त सिद्ध हो रहा है. इस कारण NMC ने सामाजिक संगठनों की सहायता लेने का निर्णय लिया. समस्या की गंभीरता को  ध्यान में रखकर रा. स्व. संघ लोक कल्याण समिति ने NMC के साथ मिलकर ‘मिशन विश्वास’ शुरू किया है.

‘मिशन विश्वास’ में रा. स्व. संघ लोककल्याण समिति के कार्यकर्ता, महानगरपालिका के अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए और कोरोना रुग्णों के संपर्क में आए संदिग्धों की सूची तैयार करते हैं. इसके बाद संदिग्धों को जल्द से जल्द परीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. रुग्णों के परिवारों को उनकी दैनंदिन आवश्यकताएं जैसे दवाइयों आदि की पूर्ति के लिए भी स्वयंसेवक सहायता प्रदान करते हैं. स्वयंसेवकों ने पिछले कुछ दिनों में, 15,000 से अधिक कोरोना संक्रमितों से संपर्क किया है. मेडिकल छात्रों के बीच काम करने वाली ‘सेवांकुर’ संस्था के कार्यकर्ता भी इसमें सहभागी हैं.

कोरोना पीड़ित और उनके परिवारों का मनोबल बढ़ाने हेतु परामर्श भी प्रदान किया जाता है. महानगर पालिका के सभी 10 जोन में 500 से अधिक स्वयंसेवक ‘मिशन विश्वास’ में अपनी जान जोखिम में डालकर जुटे हुए हैं. कार्य करते समय स्वयंसेवक  भौतिक दूरी (Physical Distancing), फेस मास्क, फेस शील्ड, दस्ताने का उपयोग जैसी उचित सावधानी भी बरतते हैं.

लॉकडाउन के दौरान भी रा. स्व. संघ लोक कल्याण समिति के स्वयंसेवकों द्वारा वंचित लोगों को 60,000 राशन किट वितरित किए गए थे. साथ ही भौतिक अंतर हेतू बैंक, दुकान जैसे स्थानों पर गोलों का रेखांकन, लोगों को कतार मे खड़ा करना, ज्येष्ठ व्यक्तियों की जरूरतों की पूर्णता, बहनों के लिये अत्यावश्यक वस्तुओं की किट,  बालकों के लिये रंगकला का साहित्य इत्यादि कार्य किए गए थे. उन  कार्यों में भी नागपुर से 1,700 से अधिक स्वयंसेवक सहभागी थे.

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