नई दिल्ली. चीन दुनियां में अपनी करनी के कारण विश्वसनीयता खोता जा रहा है. यही कारण है कि चीन की मंशा पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. चीन की विस्तारवादी नीति भी विश्व में सर्वविदित है, शायद इसीलिए उसकी बात पर विश्वास नहीं होता.
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर को कम लागत, हल्के वजन और चीनी एयरफ्रेम के साथ सभी मौसमों में कई भूमिकाएं निभाने के रूप में पहचाना जाता है. लेकिन इसकी रखरखाव की लागत के कारण अब यह पाक के लिए एक बोझ बन गया है. 1999 में चीन और पाक ने इसे विकसित करने का समझौता किया था.
अब एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएफ-17 अधिकांश क्षेत्रों में निशाना लगाने में नाकाम रहा है. यहां तक कि 27 फरवरी, 2019 को पाक आतंकी समूह को भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाने की कोशिश के दौरान जेएफ-17 ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार, वायु रक्षा भूमिका में इसका डाटा लिंक न केवल अविश्वसनीय है, बल्कि इसमें पर्याप्त डाटा ट्रांसफर रेट भी नहीं है. इसलिए चीनी मदद से बना यह विमान अब बोझ साबित हो रहा है.
उधर, दूसरी ओर अमेरिकी प्रतिनिधि ने चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर सवाल खड़ा किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की नीति संबंधी शीर्ष पद के लिए राष्ट्रपति बाइडन द्वारा नामित कोलिन कहल ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष कहा कि भारतीय सीमा पर बढ़ता तनाव चीन के इरादे स्पष्ट कर रहा है. कहा, ‘भारत-चीन सीमा पर मौजूदा तनाव चीनी आक्रामकता और क्षेत्र में अमेरिकी सहयोगियों व भागीदार देशों पर प्रभुत्व कायम करने की उसकी प्रवृत्ति को दर्शाता है.’
रक्षा नीति उपमंत्री के पद के लिए सीनेट (उच्च सदन) की समिति के समक्ष कोलिन कहल ने कहा कि ‘अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़ा रहने के लिए दृढ़ संकल्पित है.’
उन्होंने भारत-चीन सीमा पर चीनी आक्रामकता को चिंताजनक बताते हुए अपने नाम की पुष्टि के लिए सुनवाई के दौरान सवालों के लिखित जवाब में कहा कि हम लोग अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़े रहेंगे और तनाव कम करने की कोशिशों का समर्थन करेंगे. अगर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मैं हालात पर पैनी नजर रखूंगा और दोनों पक्षों के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने पर नजर रखूंगा. कहल ने भारत के ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा बरकरार रखते हुए कहा कि यदि उनके नाम की पुष्टि होती है तो वे दोनों देशों के रक्षा कारोबार व प्रौद्योगिकी रिश्ते बढ़ाने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.
कोलिन कहल ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सामने कहा कि वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के हितों का ध्यान रखेंगे. हमारे बहुत से सहयोगी देश कोरोना महामारी को लेकर हताश हैं और चीन इसका फायदा उठाने की फिराक में है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में उपमंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स ने बताया कि ‘हम चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए टास्क फोर्स के साथ काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, यह कार्यबल चीनी चुनौतियों का सामना करने के लिए जून तक सिफारिशें देगा. यह तकनीकी, खुफिया और भागीदारी पर भी ध्यान देगा.