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फिल्म ‘पॉजिटिव एनर्जी-एक पहल’, ‘ऊर्जा’ और ‘साइंस बियॉन्ड फेथ’ 10वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव में अवार्ड के लिए नामांकित

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भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह एवं प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फिल्म ‘पॉजिटिव एनर्जी-एक पहल’, प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फिल्म ‘ऊर्जा’ और विद्यार्थी विक्की उत्कर्ष साह की फिल्म ‘साइंस बियॉन्ड फेथ’ का चयन 10वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव में अवार्ड के लिए नामांकित हुई हैं. यह फिल्मोत्सव पहले त्रिपुरा में होना था, लेकिन कोरोना के कारण अब ऑनलाइन आयोजित होगा. चयनित फिल्मों की ऑनलाइन स्क्रीनिंग 25 से 27 नवम्बर के बीच होगी. राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है. इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देना है.

फिल्म ‘पॉजिटिव एनर्जी-एक पहल’ सौर ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करती है. फ़िल्मकार मनोज पटेल और लोकेन्द्र सिंह की फिल्म का चयन ‘फ्यूजन’ श्रेणी में किया गया है. फिल्म में बताया गया है कि गांव में परंपरागत चूल्हे पर खाना पकाने से महिलाओं को तमाम प्रकार की समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है, उससे पर्यावरण को हानि भी पहुंचती है. सौर ऊर्जा के उपयोग से जीवन और हमारे परिवेश में सकारात्मक परिवर्तन आता है. सौर ऊर्जा के महत्व को समझाने के लिए बैतूल के गांव ‘बाचा’ को दिखाया गया है, जो अपने नवाचारों के लिए देशभर में चर्चित है. इस गांव के लगभग सभी घरों की रसोई में ‘सोलर इंडक्शन’ के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग खाना पकाने में किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि लोकेन्द्र सिंह और मनोज पटेल की एक फिल्म ‘बाचा : द राइजिंग विलेज’ को 5वें अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया था. कोरोना योद्धाओं एवं सेवाकार्यों पर बनी उनकी फिल्म ‘समर्पण’ भी पुरस्कृत हो चुकी है.

भारत में सोलर ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को दर्शाती प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फिल्म ‘ऊर्जा’ का चयन ‘विज्ञान प्रसार और डॉयचे वेले मंथन अवार्ड’ के लिए किया गया है. जबकि विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के छात्र विक्की उत्कर्ष साह की फिल्म ‘साइंस बियॉन्ड फेथ’ का चयन ‘आउट ऑफ़ बॉक्स’ श्रेणी में किया गया है. यह फिल्म ‘ट्रांसजेंडर’ के जीवन को दिखाती है. विशेषकर उनके जन्म से जुड़े विज्ञान पर फिल्म में प्रकाश डाला गया है. विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्रों की फिल्मों के चयन पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने प्रसन्नता जाहिर की है.

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