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25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज, 394 पुलिस कर्मी हुए घायल, किसान संगठन आंदोलन से हटने लगे

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गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बुधवार को पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही किसान संगठनों में फूट सामने आ गई. कुछ देर बाद ही दो संगठनों ने आंदोलन से हटने की घोषणा कर दी.

दिल्ली पुलिस ने हिंसा के मामले में किसान नेताओं किसान नेताओं से भी पूछताछ करनी पड़ी तो उनसे पूछताछ की जाएगी. बुधवार शाम दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस के लिए संयम बरतना जरूरी था. दंगाइयों ने पुलिस और किसान नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्वस्त कर 400 बैरिकेट तोड़े. 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनमें से कुछ आईसीयू में भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं के भड़काऊ बयानों के वीडियो और ऑडियो के साथ पर्याप्त सबूत हैं. वीडियो फुटेज और चेहरों को ट्रेस करके समस्त गुनहगारों को गिरफ्तार किया जाएगा.

एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि 25 से अधिक आपराधिक मामले दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए हैं. अभी तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. उन्‍होंने बताया कि किसान नेताओं को बताया गया था कि तीन रूट तय किए गए हैं. 12 बजे के बाद रैली निकलानी थी, मगर किसान पहले ही रैली निकालने के लिए जुट गए. किसान नेता सतनाम सिंह पन्‍नू के भाषण के बाद भीड़ हिंसक हो गई, जिसके कारण मुकरबा चौक पर हिंसा भड़की.

शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया. इसके करीब 15 मिनट बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी आंदोलन से हटने की घोषणा कर दी. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह बोले कि मैं अभी इस धरने को खत्म करता हूं. किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया. वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.

दिल्‍ली पुलिस के हिसाब से किसान ट्रैक्‍टर रैली में हुई हिंसा की मुख्‍य वजहें

  • तय रूट की अनदेखी की गई
  • रैली में असामाजिक तत्व की मौजूदगी
  • मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया
  • मंच से भड़काऊ भाषण
  • 25 जनवरी की शाम के वादे से मुकर गए किसान नेता
  • 26 की सुबह बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया
  • 12 बजे तय किया गया था रैली का समय

 

 

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