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गढ़चिरौली मुठभेड़ – जवानों ने 70 घंटे पैदल चल 38 लाख के ईनामी माओवादियों को ढेर किया

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सुरक्षा बलों ने गढ़चिरौली जिले में माओवादियों को झटका देते हुए 5 ईनामी नक्सलियों को मार गिराया था. नक्सलियों का काल सी-60 कमांडो टीम ने ऑपरेशन को सफल बनाया और अभियान में 38 लाख रुपये के ईनामी माओवादी ढेर किए. जिले के भामरागढ़ तहसील क्षेत्र में सी-60 कमांडो की 22 यूनिट और QAT की 2 यूनिट शामिल थीं, जिन्होंने माओवादियों को मार गिराया.

दरअसल, महाराष्ट्र में अगले माह विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आशंका जताई जा रही थी कि गढ़चिरौली के माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों में माओवादी किसी न किसी तरह से चुनाव में खलल डालने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए सुरक्षा बलों ने मुस्तैदी बढ़ाई. लेकिन क्या नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन आसान था? जी नहीं! सुरक्षा बलों ने जिस क्षेत्र में सफलता हासिल की है, वहां किसी भी तरह के ऑपरेशन को लॉन्च करना आसान नहीं रहा है.

महाराष्ट्र में चुनावों की घोषणा के साथ ही गढ़चिरौली के साथ-साथ सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में भी सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया था. माओवादियों ने गढ़चिरौली से लगे छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में आईईडी विस्फोट किया था, जिसमें आईटीबीपी के दो जवान बलिदान हो गए थे. जिसके पश्चात इन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई थी.

दूसरी ओर, महाराष्ट्र पुलिस इंटेलिजेंस को नारायणपुर से लगे गढ़चिरौली के भामरागढ़ तहसील में माओवादियों के होने की सूचना मिली, जो अबूझमाड़ के क्षेत्र से ही लगा हुआ है. सूचना मिलते ही गढ़चिरौली से सी-60 कमांडो और सीआरपीएफ की टुकड़ी को जंगल में अभियान के लिए रवाना किया गया. एंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिए निकले जवानों ने वही रणनीति अपनाई, जो हाल ही में नारायणपुर के थुलथुली में हुई मुठभेड़ के दौरान अपनाई थी. इसके तहत सुरक्षा बल के जवान दो अलग-अलग स्थानों से माओवादियों को घेरने निकले.

सुरक्षा बलों के जवान अबूझमाड़ के दुर्गम वनों में लगभग 70 घंटे तक चलकर माओवादियों के समीप पहुंच चुके थे. सोमवार की सुबह 8 बजे के आसपास माओवादियों ने जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. माओवादियों की ओर से की जा रही गोलीबारी का सुरभा बलों ने भी उत्तर दिया. सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख माओवादी भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन सुरक्षा बलों ने माओवादियों को दोनों ओर से घेर रखा था.

दो घंटे की मुठभेड़ में माओवादियों की तरफ से चली दो गोलियां सी-60 के एक कमांडो कुमोद आत्राम को लगीं, जिससे वे घायल हो गए. गोलीबारी में पहले जया और सावजी मारे गए, जिन पर 16-16 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

आत्राम को बचाने के लिए तत्काल हेलीकॉप्टर से मदद की आवश्यकता थी, लेकिन दूसरी ओर से माओवादी लगातार गोली चला रहे थे, ऐसे में आत्राम को बचाकर निकालना आसान नहीं था. इस बीच महिला पायलट कैप्टन रीना वर्गीज ने पवन हंस हेलीकॉप्टर लेकर ग्राउंड ज़ीरो पर उड़ान भरी, वन्य क्षेत्र एवं चट्टानों के कारण हेलीकॉप्टर उतारना कठिन लगने पर कैप्टन रीना ने अपने को-पायलट को हेलीकॉप्टर का नियंत्रण सौंपा और घायल कमांडो आत्राम को बचाने के लिए 11 फीट ऊंचाई से छलांग लगाई, और अन्य कमांडो की सहायता से आत्राम को बचाकर हेलीकॉप्टर तक ले आईं और फिर उन्हें नागपुर के अस्पताल ले जाया गया.

दूसरी ओर, माओवादियों के साथ जारी मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 16-16 लाख के दो ईनामी माओवादियों को मार गिराने के पश्चात 2-2 लाख रुपये के ईनामी तीन अन्य माओवादियों को ढेर किया. मुठभेड़ में कुल 38 लाख रुपये के 5 ईनामी माओवादी ढेर किए, जिसमें 3 महिला माओवादी भी शामिल थीं.

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