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गलवान झड़प – चीन ने पहली बार स्वीकारा रेजिमेंटल कमांडर सहित उसके सैनिक मारे गए थे

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नई दिल्ली. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के लगभग आठ महीने बाद चीनी सेना ने पहली बार अपने सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. चीनी सेना के आधिकारिक समाचार पत्र PLA डेली के अनुसार, इस झड़प में 5 सैनिकों की मौत हुई थी. इनमें एक रेजिमेंटल कमांडर भी शामिल था.

न्यूज पेपर  PLA डेली के अनुसार, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने गलवान घाटी की झड़प का जिक्र करते हुए इन सैनिकों को हीरो का दर्जा दिया है. इनमें शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर फॉर डिफेंडिंग द बॉर्डर, चेन होंगजुन को हीरो टु डिफेंड द बॉर्डर और चेन जियानग्रॉन्ग, जियाओ सियुआन और वांग जुओरन को फर्स्ट क्लास मेरिट का दर्जा दिया गया है. चीन अब तक वह गलवान में घायल हुए और मरने वाले सैनिकों की संख्या छिपाता रहा था. पांचों सैनिकों को अवॉर्ड देने के दौरान गलवान में हुए घटनाक्रम के बारे में भी बताया गया.

चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने शुक्रवार को माना कि कराकोरम माउंटेन पर तैनात 5 फ्रंटियर ऑफिसर्स और सोल्जर्स की भारत के साथ टकराव में मौत हुई थी. देश की संप्रभुता की रक्षा में योगदान के लिए उनकी तारीफ भी की गई है.

पिछले साल 15-16 जून की रात ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक टकराव हुआ था. इसमें भारत के कर्नल संतोष बाबू सहित 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने के दावे किए जा रहे थे. चीन ने कभी अपने सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया था. वहीं, कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.सी. जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि इस झड़प में 45 चीनी सैनिक मारे गए थे.

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