नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने टीवी चैनल्स के लिए अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. 11 वर्ष बाद पुराने दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है. इन्हें मंत्रिमंडल से भी स्वीकृति मिल चुकी है. सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने वर्ष 2011 में दिशा-निर्देश जारि किए थे. नए दिशा-निर्देशों में तीन चीजों को ध्यान में रखा गया है. सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने दिशा-निर्देशों के संबंध में जानकारी दी है.
सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब हर ब्रॉडकास्टर या चैनल को प्रतिदिन 30 मिनट के लिए राष्ट्रीय व सार्वजनिक हित से जुड़े कंटेंट को प्रसारित करना अनिवार्य होगा. इसके लिए मंत्रालय की ओर से आठ थीमों का विकल्प भी दिया गया है, जिनमें से किसी भी विषय पर चैनल आधे घंटे का कार्यक्रम कर सकते हैं. उनमें महिला सशक्तीकरण, कृषि और ग्रामीण विकास, शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, साइंस और टेक्नोलॉजी, समाज के कमजोर वर्ग का कल्याण, राष्ट्रीय अखंडता, पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण शामिल हैं.
गाइडलाइंस के अनुसार, राष्ट्र व जनहित में प्रसारित होने वाले कंटेंट को लेकर भारतीय टेलीपोर्ट विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं.
सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि इस आधे घंटे के स्लॉट के लिए दिए जाने वाले कंटेंट को लेकर जल्द स्टेक होल्डर्स से चर्चा कर इसके बारे में अलग से गाइडलाइंस जारी करेंगे. स्पोर्ट्स, वाइल्ड लाइफ और विदेशी चैनलों पर यह नियम लागू नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि टीवी चैनल्स के लिए प्रसारण कार्यप्रणाली को अधिक आसान बनाया गया है. नई गाइडलाइंस के तहत इवेंट से जुड़े कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए पहले से इजाजत लेने होती थी, लेकिन अब इस शर्त को समाप्त कर दिया गया है. हालांकि, सीधे प्रसारण किए जाने वाले कार्यक्रमों का पूर्व रजिस्ट्रेशन आवश्यक होगा.
नई गाइडलाइंस के अनुसार, एक से अधिक टेलीपोर्ट या सैटेलाइट की सुविधाओं का उपयोग कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है. मौजूदा नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट या सैटेलाइट के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है. वर्तमान में सूचना-प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 में से केवल 30 चैनल भारत से अपलिंक हैं.
वहीं, चैनल्स की नेटवर्थ से जुड़े नियम में भी बदलाव किया गया है. चैनल्स के रिन्यू होने पर उनकी नेटवर्थ की लिमिट 20 करोड़ की गई है.