करंट टॉपिक्स

गुजरात – उच्च न्यायालय ने बेट द्वारका में वक्फ के दावे को खारिज किया

Spread the love

द्वारका। गुजरात उच्च न्यायालय ने बेट द्वारका में अवैध अतिक्रमणों को वक्फ की संपत्ति होने का दावा करने वाले दावे को खारिज कर दिया है। बेट द्वारका के बालापर गांव में गैर-कानूनी मजहबी अतिक्रमणों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने का झूठा दावा करते हुए याचिकाकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। जिसके पश्चात वक्फ के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए अवैध मजहबी निर्माणों को हटाने की कार्रवाई प्रशासन ने शुरू कर दी।

बालापर गांव में समुद्र किनारे कब्रिस्तान की जमीन पर कुल 12 अवैध मजहबी अतिक्रमण किए गए थे। इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने अवैध निर्माणों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने का झूठा दावा किया था।

दावे को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ता की सभी दलीलों को खारिज कर दिया और याचिका को भी निरस्त कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने बालापर गांव में सभी अवैध मजहबी अतिक्रमणों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

कुछ दिन पहले ही गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के समुद्री क्षेत्र में स्थित 21 निर्जन टापुओं में से सात द्वीपों को अवैध कब्जे से मुक्त कर दिया था। यहां मस्जिद सहित अन्य मजहबी निर्माण कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। इन सभी द्वीपों, जिनमें खारा चूषणा, मीठा चूषणा, आशाबा, धोरियो, धबढ़बो, सामयानी और भैदर शामिल हैं, पर अवैध निर्माण हटाने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। यह महत्वपूर्ण कदम पुलिस और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से उठाया गया।

प्रशासन की यह कार्रवाई भारत की समुद्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई, क्योंकि ये टापू सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन टापुओं पर अवैध निर्माण करने वालों की जांच की जा रही है। देवभूमि द्वारका जिले में पिछले कई महीनों से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है और अब तक कई एकड़ भूमि को अवैध कब्जे से पूरी तरह मुक्त कराया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *