कर्णावती, गुजरात. भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बनासकांठा जिले का मसाली गांव देश का पहला सीमावर्ती सौर गांव बन गया है. लगभग 800 की जनसंख्या वाले इस गांव में 119 घरों पर सोलर रूफटॉप लगाए गए हैं. गांव पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
परियोजना को पूरा करने के लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें पीएम सूर्य घर योजना के तहत 59.81 लाख रुपये की सब्सिडी, 20.52 लाख रुपये का सार्वजनिक योगदान और 35.67 लाख रुपये का सहयोग सीएसआर के तहत किया गया. गांव को अब 225.5 किलोवाट बिजली मिल रही है, जो हर घर की आवश्यकता से अधिक है.
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 किलोवाट से लेकर 3 किलोवाट से बड़े सिस्टम तक सब्सिडी प्रदान की जाती है. योजना का उद्देश्य देश में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और पर्यावरण की रक्षा करना है.
मसाली गांव के सरपंच मगनीराम रावल ने बताया कि सोलर सिस्टम लगने के बाद गांव में बिजली की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो गई है. अब ग्रामीणों को बिजली का बिल भरने की जरूरत नहीं है.
सीमावर्ती क्षेत्रों के 17 गांवों को पूर्ण सौर गांव बनाने की योजना पर काम चल रहा है. मसाली गांव का कार्य पूरा हो चुका है और यह मॉडल दूसरे गांवों के लिए उदाहरण बनेगा. इस गांव में 119 घरों की छतों से पर सोलर रूफ टॉप लगाए गए हैं.
बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सारधी वाव तालुका और सुइगाम तालुका के कुल मिलाकर 17 गांवों को बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाने की पहल सिस्टम द्वारा की गई है, जिसके तहत मसाली गांव में काम पूरा हो चुका है.
सोलर एनर्जी से चलने वाला देश का पहला गांव
साल 2022 में गुजरात के मोढेरा गांव को देश का पहला सोलर एनर्जी से चलने वाला गांव घोषित किया गया था. मोढेरा गांव में 1300 से अधिक ग्रामीण घरों में सौर छतें स्थापित की गई हैं. इससे बिजली बिल में 60-100 प्रतिशत तक की बचत होती है. तब मसाली मोढेरा के बाद राज्य का दूसरा सौर ग्राम बन गया है.