नई दिल्ली. भारत में चल रहे हवाला कारोबार का चीनी कनेक्शन सामने आया है. ये हवाला कारोबार एक हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का बताया जा रहा है. इसे चीनी नागरिक चला रहा था. हवाला कारोबार के संबंध में पकड़े गए चीनी नागरिक के पास से भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ है तथा बरामद पासपोर्ट मणिपुर के पते पर बनाया गया था. मामले का खुलासा सीबीडीटी टीम द्वारा की जा रही जांच में हुआ.
देश में चीनी कंपनियों और उसके हवाला कनेक्शन को लेकर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) और ईडी (ED) की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. इस ऑपरेशन के तहत चीनी कंपनियों की मदद करने वाले कई सरकारी अधिकारियों, बैंक के अधिकारियों सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के 20 शहरों में इनकम टैक्स की टीम छापेमारी कर रही है. सर्च ऑपरेशन में केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम भी कार्रवाई कर रही है. इसी मामले में फर्जी पासपोर्ट के सहारे नाम बदलकर रहने वाले एक चीनी नागरिक को पकड़ा गया है.
हवाला कारोबार में पकड़े गए चीनी नागरिक लुओ सैंग (Luo Sang) ने झूठे नाम चार्ली पेंग (Charlie Peng) के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा रखा था. बाकी चीन के नागरिक देश में वीजा पर थे. हवाला कारोबार गिरोह में शामिल बाकी आरोपियों को इनकम टैक्स ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इनमें कई ऐसे चीनी नागरिक हैं, जो वीजा (Visa) पर भारत आए थे और हवाला कारोबार से जुड़े थे.
आयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरूग्राम में 24 ठिकानों पर छापेमारी कर 1000 करोड़ के हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) रैकेट का खुलासा किया है. ये रैकेट चीनी नागरिक कुछ भारतीयों के साथ मिल कर चला रहे थे. भारत सरकार द्वारा चीनी कंपनियों की एप्स बंद करने के बाद अवैध कारोबार पर पहली बड़ी कार्रवाई है.
इनकम टैक्स को जानकारी मिली थी कि देश में हवाला के माध्यम से करोड़ों का कारोबार हो रहा है और इसमें चीन के नागरिक भी शामिल हैं. इसी जानकारी के आधार पर इनकम टैक्स ने दिल्ली गाजियाबाद और गुरूग्राम में रिटेल शॉप, बैंक अधिकारी, चार्टर्ड अकांउटेंट और व्यापारियों के 24 ठिकानों पर छापेमारी की.
जांच में पता चला कि चीन के लोग भारत में बैंक अधिकारियों, चार्टेड अकाउंटेंट के साथ मिल कर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का कारोबार चला रहे हैं. फर्जी कंपनियां बनाई गई हैं और 40 बैंक खाते खोले गए. जिनके माध्यम से 1000 करोड़ का हवाला का कारोबार किया गया. फर्जी कंपनियों के माध्यम से 100 करोड़ रुपये निकाले गए और देशभर में रिटेल शोरूम खोले गए.
शेल कंपनियों का संचालन
आरोपी ने कई शेल कंपनियों का जाल फैला रखा था. लुओ सैंग पैसे के दम पर कई बैंक कर्मियों को भी घूस देकर अपना काम निकालता था. छापेमारी के दौरान आरोपी के करीब 40 से अधिक बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली है. जिसमें एक समय के अंतराल में ही करीब एक हजार करोड़ रुपये से अधिक क्रेडिट एंट्री किए जाने से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. इसके लिए जो प्लान बनाया गया कि चीनी कंपनियों के सब्सिडियरी और उससे जुड़े लोगों ने फर्जी कंपनियों से भारत में रिटेल शोरूम व्यवसाय करने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक बोगस एडवांस लिए गए. हवाला कनेक्शन में अमेरिकी डॉलर और हांगकांग की करेंसी का भी प्रयोग किया गया है.