हिमाचल में बिना वैध दस्तावेजों पकड़ा गया था चीनी नागरिक
हवाला कारोबार में पकड़े गए चीनी नागिरका ने की थी सहायता
शिमला (विसंकें). तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा हमेशा से चीन की आंखों में खटकते रहे हैं. उन्होंने तिब्बत में चीन के कब्जे को लेकर और वहां पर मानव अधिकारों के हनन का मुद्दा बार-बार उठाया है. चीन पर दलाई लामा की जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं. वहीं अब चीनी नागिरकों के हवाला कारोबार में लिप्त होने का खुलासा हुआ है. इसी कड़ी में एक अन्य तथ्य भी सामने आया है. हवाला कारोबार के मामेल में पकड़ा गड़ा चीनी नागरिक दलाई लामा की जासूसी में भी संलिप्त है.
हिमाचल के कांगड़ा जिले में प्रवेश करते समय चीन का नागरिक पकड़ा गया है, जो चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी का सदस्य था. धर्मशाला में घुसने से पहले 08 जुलाई को जिले की सीमा पर चीनी नागरिक लियु शियोडन बिना दस्तावेजों के पकड़ा गया. उसके पास पासपोर्ट पर इमिग्रेशन की मुहर नहीं थी और वह नेपाल के रास्ते भारत में गैरकानूनी तौर से दाखिल हुआ था. उसके खिलाफ फॉरनर्स एक्ट के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की गयी थी. अब उससे सुरक्षा एंजेसियां पूछताछ कर रही हैं, जिसमें अहम जानकारियां मिली हैं.
जांच में पता चला कि शियोडन चीन की पीएलए में काम करता था. वह दिल्ली में पकड़े गये चीनी नागरिक चार्ली के संपर्क में था. छह महीने तक दिल्ली में रहने के लिए उसने शियोडेन की सहायता की. माना जा रहा है कि शियोडेन को जासूसी के लिए दिल्ली से हिमाचल भेजा गया था. सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली और कांगड़ा में पकड़े गये चीनी नागरिकों के आपसी तार जोड़ने में जुटी हैं. हिमाचल में पहले भी कई बार चीनी नागरिक पकड़े गए हैं. 2019 में चार चीनी नागरिकों को हिमाचल पुलिस ने बद्दी में पकड़ा था. चारों पर्यटन वीजा पर देश में आए थे और हिमाचल में छिप गए थे. इस दौरान इनके भी धर्मशाला जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसियों ने उनकी जानकारी जुटाई थी. वहीं, फरवरी 2020 में भी पांच चीनी नागरिक बिना स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए शिमला में होम स्टे लेकर रहते पकड़े गए थे.
चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग ने जासूसी के सीक्रेट ऑपरेशन का ट्रांजिट कैंप दिल्ली के मजनूं का टीला मे बनाया था. 1000 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट के मामले में गिरफ्तार चीनी नागरिक लुओ सांग के मामले में कई चैंकाने वाले खुलासे हुए हैं. हवाला कारोबार के साथ ही वह दिल्ली सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में निर्वासित तिब्बतियों से घुल-मिलकर और उनके ठौर-ठिकानों का पता लगा रहा था और इसकी जानकारी चीन की खुफिया एजेंसी ‘एमएसएस’ यानि मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी को भेज रहा था. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी इस विषय को गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गहन जांच की मांग की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मजनूं का टीला के पास पैकेटों में भरकर 2 से 3 लाख रुपये इस सीक्रेट ऑपरेशन से जुड़े लोगों को काम के एवज में दिए गए थे. हवाला लेन-देन और जासूसी गतिविधियां
वी-चैट के माध्यम से होती थीं. लेकिन, 29 जुलाई को 59 चीनी एप्स प्रतिबंधित करने से लुओ और उसके रैकेट में शामिल लोगों के बीच सीधा सीक्रेट संपर्क टूट गया था.
स्पेशल सेल ने 13 सितंबरस 2018 को भी मजनूं का टीला से सांग को गिरफ्तार किया था. तब उस पर फर्जी पासपोर्ट के आधार पर दिल्ली में रहकर जासूसी का आरोप लगा था. लेकिन वह जमानत पर बाहर आ गया था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीनी जासूस चार्ली पेंग पर शिकंजा कसते हुए निगरानी बढ़ाने के साथ ही उसे जांच पूरी होने तक देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी है, क्योंकि अब तक की जांच से संकेत मिल रहे हैं कि अभी कई बड़े रहस्य खुलने बाकी हैं.
हवाला कारोबार के बड़े रहस्यों से उठ रहा पर्दा
हवाला कारोबार से जुड़े मामले में आयकर विभाग पांच दिन से लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहा है. 11 अगस्त को छापेमारी की शुरुआत में 1000 करोड़ के हवाला कारोबार की जानकारी मिली थी, लेकिन जांच आगे बढ़ने पर अब 3000 हजार करोड़ के कारोबार की जानकारी मिल रही है. इससे जुड़े कई अहम दस्तावेज अब तक बरामद हो चुके हैं, जिसमें काले कारोबार के तार हैदराबाद से भी जुड़े मिल रहे हैं. दरअसल, हैदराबाद पुलिस को दो लोगों से शिकायत मिली थी कि ऑनलाइन गेम वेबसाइट में दांव लगाने के बाद उनसे धोखाधड़ी की गई और उन्होंने क्रमशः 97,000 और 1,64,000 रुपये गंवा दिये. हैदराबाद पुलिस की जांच-पड़ताल में इस धोखाधड़ी के तार दिल्ली से जुड़े मिले. इस पर हैदराबाद पुलिस ने 14 अगस्त को दिल्ली आकर चीनी नागरिक याह हाओ और कंपनी के तीन निदेशकों धीरज सरकार, अंकित कपूर और नीरज तुली को गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई.
जांच के दौरान हैदराबाद पुलिस को गुरुग्राम के दो बैंक खातों का पता चला, जिसमें लगभग 30 करोड़ रुपये हैं, जिसकी निकासी पर रोक लगा दी गई है. पकड़ा गया चीनी नागरिक याह हाओ ऑनलाइन कंपनी का साउथ ईस्ट एशिया का ऑपरेशनल हेड है. नीरज तुली के नाम पर कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें उसे बीजिंग टी-पावर के तहत चलने वाली कई फर्मों में डायरेक्टर दिखाया गया है. तुली का कहना है कि उसके पड़ोसी चार्टर्ड अकाउंटेंट ने उससे कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए थे. अब सीए की तलाश की जा रही है. 2019 से 2020 के बीच भारत में ऐसी 8 फर्मों का रजिस्ट्रेशन हुआ. ये कंपनियां सिर्फ रेफरेंसेज के जरिए ऑनलाइन गैम्बलिंग चला रही थीं. पेमेंट अलग-अलग ई-पेमेंट गेटवेज के जरिए लिया जाता था.