जयपुर. राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा में हिन्दू परिवारों के पलायन के समाचार सामने आ रहे हैं. टोंक जिले के मालपुरा में हिन्दू अब अल्पसंख्यक हो गए हैं. क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी बढ़ने के साथ इनकी मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. लिहाजा, हिन्दू अब अपना घर-बार बेचकर पलायन करने को मजबूर हैं.
मालपुरा उपखंड के हिन्दू समुदाय के सैकड़ों परिवार एसडीएम से न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं. सोमवार को हिन्दू परिवारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने पांच मांगें रखी थीं. इसके अगले दिन यानि मंगलवार को भी एसडीएम कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम था. यही नहीं, हिन्दुओं ने अपने घरों के बाहर एक पोस्टर भी लगाया है, जिसमें प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई गई है.
हिन्दू परिवारों का कहना है कि क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है. इसी के साथ हिन्दुओं की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं. हिन्दू परिवारों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए ज्ञापन में कहा कि 1992 के बाद मुस्लिम बस्ती के पास रहने वाले हिन्दू डरा हुआ और असुरक्षित महसूस करते हैं. इस कारण धीरे-धीरे हिन्दू परिवार इलाके से पलायन कर रहे हैं. अभी तक मालपुरा से 600-700 हिन्दू परिवार पलायन कर चुके हैं.
पुराने क्षेत्र के लोग पलायन के लिए मजबूर हैं. हिन्दू समुदाय के मकानों को मुसलमान खरीद रहे हैं. वार्ड नंबर-12 जैन मोहल्ले और कायस्थों के मोहल्ले वार्ड नंबर-20 में लोगों ने अपने घरों के बाहर पोस्टर लगा रखे हैं. ‘हम असुरक्षा के कारण परिवार सहित पलायन करने के लिए मजबूर हैं. सरकार हमारी सुरक्षा और रहने की व्यवस्था करे.’
हिन्दुओं का कहना है कि 1950 के बाद से मालपुरा में लगातार साम्प्रदायिक तनाव रहते हैं. आलम यह है कि हिन्दू परिवारों की बहू-बेटियों का घरों से निकलना मुहाल हो गया है. हिन्दू परिवारों का आरोप है कि मुस्लिम युवक हिन्दू लड़कियों और महिलाओं को छेड़ते हैं. इसके कारण उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ता है. मुस्लिम लड़के भीड़भाड़ वाली जगह में भी तेजी से बाइक चलाते हैं और कुछ बोलने पर मारपीट करने को आमादा हो जाते हैं.
आरोप है कि गांधी पार्क से लेकर मंदिरों के पास अवैध बूचड़खाने खुल गए हैं. इस कारण वहां स्थित मंदिरों की मूर्तियों को दूसरे मंदिरों में स्थापित किया जा रहा है. यहां तक कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आवाजाही को भी अपना रास्ता बदलना पड़ा है. वहीं, प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर ज्ञापन लेने और लोगों की समस्याएं सुनने वाले तहसीलदार ओमप्रकाश जैन का कहना है कि मामले में प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.
संदर्भ – पाञ्चजन्य