रायपुर, छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय के समापन समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल होने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद नेताम ने जगदलपुर में पत्रकार वार्ता में कहा कि मेरा प्रत्यक्ष संघ से सम्पर्क नहीं रहा। परंतु व्यक्तिगत रूप से भेंट-मुलाक़ात कर वैचारिक चिंतन होता रहा है। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाते नागपुर कार्यक्रम में जा रहा हूँ, यह मेरा सौभाग्य है कि मैं बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हो रहा हूँ। मैंने सोचा नहीं था। क्योंकि यहाँ अभी तक बड़े-बड़े व्यक्तित्वों को बुलाया जाता रहा है जैसे प्रणव मुखर्जी जी एवं अन्य क्षेत्र के विशेष व्यक्तित्व।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण जी के शहीदी दिवस के निमित्त राजाराव पठार, बालोद में जनजातीय समाज का बड़ा कार्यक्रम होता है, उसमें पहली बार संघ से लोग आए थे। जिसमें दिल्ली से रामलाल जी उपस्थित थे। कार्यक्रम हेतु डॉ. मोहन भागवत जी को आमंत्रण दिया था। पूर्व निश्चित प्रवास के कारण वह नहीं आ पाए थे। उक्त कार्यक्रम में संघ के लोगों को बुलाने का उद्देश्य था कि समाज और संघ अपने-अपने अनुसार व्याख्या करते रहते हैं, उससे समाज में भ्रामकता फैलती है। उसको कम करने का प्रयास करना था।
उन्होंने बताया कि जनजाति समाज की बात को नागपुर के कार्यक्रम में रखने का सौभाग्य मुझे संघ से मिला, उसके लिए मैं संघ का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूं। जनजाति समाज के समक्ष निकट भविष्य में बहुत सी चुनौतियां आने वाली हैं, उसकी चिंता करने वालों में संघ भी एक संस्था है। क्योंकि संघ में किसी भी विषयों को सामाजिक एवं अन्य पहलुओं के आधार पर चिंतन मंथन करने की परंपरा रही है। उक्त विषय पर पहले भी आरएसएस के पदाधिकारियों से मेरी कई बार लंबी बातचीत हो चुकी है।
अरविंद नेताम ने नक्सलवाद के संदर्भ में कहा कि मैं भारत सरकार को बधाई देना चाहता हूँ, विशेषकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी को कि उन्होंने बहुत बड़ा कदम उठाया है और उन्हें सफलता भी मिल रही है।