श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान को लेकर देशभर से भावविभोर कर देने वाली अनेक कहानियां सामने आ रही हैं, ऐसी ही एक कहानी है राजस्थान के सीकर से.
श्रीराम के भव्य धाम के लिए निधि संग्रह करने वाले सीकर के कार्यकर्ताओं की टोली को एक माता जी द्रोपदी देवी घोड़ीवाल का फोन आया. द्रौपदी देवी ने कहा – आप मेरे घर आइए मैं भी श्रीराम मंदिर के लिए निधि समर्पण करना चाहती हूं. उनके आग्रह पर कार्यकर्ताओं की टोली जब उनके घर पहुंची, तो स्वागत सत्कार के पश्चात उन्होंने ₹51000 का चेक कार्यकर्ताओं की ओर बढ़ाया. चेक की राशि देखकर कार्यकर्ताओं के हाथ ठिठक गए.
एक बेहद सामान्य दो कमरों का घर, दो पुत्रियां एवं मां, आजीविका के लिए केवल 7 बीघा कृषि भूमि का सहारा. उनके पति नंदलाल जी का कुछ वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में स्वर्गवास हो चुका है. ऐसे में इतनी बड़ी राशि का समर्पण कैसे दे पाएंगी. रामसेवकों का मन भर आया. उन्होंने – उन माता जी को समझाया, आप कुछ राशि कम कर दीजिए. इतना बड़ा समर्पण आपकी आर्थिक स्थिति देखते हुए उचित नहीं है.
इस पर द्रौपदी देवी ने एक ही उत्तर में सबको भावविभोर कर दिया. वह बोली – श्रीराम के लिए मैंने 51000 देने का संकल्प कर लिया है, अब मैं इससे कम नहीं करूंगी.