नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (OIC) के बयान पर भारत ने आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि OIC को एक देश की शह पर भारत को लेकर अपना ‘साम्प्रदायिक एजेंडा’ चलाने से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अतीत में भी भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर ओआईसी के बयानों को सिरे से खारिज किया था. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. ‘हमें आश्चर्य है कि ओआईसी ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामले को लेकर अवांछित टिप्पणियां की हैं.’
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए मार्च 2020 में आयोग का गठन किया गया था, जिसने पिछले दिनों अपनी अंतिम रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह और कश्मीर संभाग में एक विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव है. वहीं, राजौरी और पुंछ को कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट के तहत लाने का प्रस्ताव है. रिपोर्ट के अमल में आने पर 90 सदस्यीय विधानसभा में जम्मू संभाग की 43 और कश्मीर की 47 सीटें होंगी.
भारत की ओर से सख्त प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब ओआईसी ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर नई दिल्ली की आलोचना की. परिसीमन आयोग पर ओआईसी के महासचिव ने बयान में आरोप लगाया कि यह कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है. ओआईसी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के जनसांख्यिकीय ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है.