सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने किया पौधारोपण
प्रवासी श्रमिक, पर्यावरण, स्वदेशी, ग्राम विकास और सामाजिक समरसता पर चर्चा
रायपुर. जागृति मंडल, गोविन्द नगर, रायपुर में छत्तीसगढ़ और महाकौशल प्रान्त के प्रान्त टोली के कार्यकर्ताओं की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में दोनों प्रान्त की छोटी टोली के सभी अपेक्षित कार्यकर्ता सम्मिलित हुए.
समाज के सहयोग से संघ द्वारा चलाए जा रहे प्रकल्पों पर चर्चा हुई. कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों के बीच स्वयंसेवक कार्य कर रहे है, उसका वृत्त कथन हुआ. इस कार्य के लिए समाज के कई व्यक्तियों से और सामाजिक संस्थाओं से भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ, इसका भी बैठक में प्रमुखता से उल्लेख हुआ. सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर प्रवासी श्रमिकों के लिए चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच जाए, उसकी भी व्यापक योजना बनाते हुए इसके लिए स्वयंसेवकों ने जो कार्य किया है, इसका भी उल्लेख बैठक में हुआ.
पर्यावरण, स्वदेशी, ग्राम विकास और सामाजिक समरसता विषयों पर संघ अनेक वर्षों से कार्य कर रहा है. समाज के ज्वलंत विषयों पर जो कार्य हो रहे हैं, इसकी भी चर्चा बैठक में हुई.
स्वावलंबी, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सर्वत्र प्रयत्न हो रहे हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है. कुटीर उद्योगों की गुणवत्ता को बल देने की आवश्यकता है. स्वदेशी के प्रति जनमानस में स्वाभिमान का भाव जगा है. इन विषयों पर बैठक में प्रमुखता से चर्चा हुई.
बैठक के समापन सत्र में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा “भारत की जलवायु, भारत की भूमि, भारत की मान्यताएं, भारत की परंपराएं, भारत का सामर्थ्य इतना है कि यदि हम सब संकल्प लेंगे तो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में कोई कठिनाई नहीं है. देश के स्वाभिमान, देश के स्वावलंबन, इस प्रकार हम सब इसका विचार करते हुए अपना देश आत्मनिर्भर बनाने के लिए मैं एक व्यक्ति के नाते, हम एक समूह के नाते हमारी जो जिम्मेदारियां हैं, उसका हम पालन करेंगे. आत्मनिर्भर बनाने में हम अपना व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में जितना आवश्यक बातों को अंगीकार करेंगे तो यह देश एक बार फिर विश्व को सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करने वाला बनेगा.”
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने बैठक से पूर्व जागृति मंडल, रायपुर के प्रांगण में सुबह पौधारोपण किया.