रायपुर. धर्म रक्षा न्यास ने जनसंख्या असंतुलन, चुनौतियां एवं हमारी भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें मुख्य वक्ता शरद गजानन ढोले ने कहा कि भारत कमजोर हुआ तो दुनिया पर खतरा बढ़ेगा और भारत कमजोर तब होगा, जब हिन्दुओं की संख्या का अनुपात कम होगा. हिन्दू समाज की एकजुटता से ही भारत मजबूत होगा. भारत की समस्या का समाधान हिन्दुओं की एकजुटता है.
रविवार, 27 मार्च 2022 को महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज के सभागार में धर्म रक्षा न्यास, रायपुर द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. जनसंख्या असंतुलन, चुनौतियां एवं हमारी भूमिका विषय पर अपना विचार रखते हुए शरद गजानन ढोले (अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक, अ.भा. प्रमुख, धर्म जागरण समन्वय) ने कहा कि हिन्दू समाज एक ही है, अंग्रेजों ने और उसके बाद स्वतंत्र भारत में ईसाई मिशनरियों ने समाज को तोड़ने के प्रयास किए. अभी भी भारत में जातिगत भेदभाव दिखाई देता है, इससे हिन्दू समाज कमजोर होता है, इस कमजोरी का लाभ उठाकर धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जाता है.
‘हिन्दू घटा देश बंटा’ पर मुख्य वक्ता शरद ढोले ने हिन्दू समाज के धर्मांतरण और अवैध घुसपैठ को देश में जनसंख्या असंतुलन का सबसे बड़ा कारण बताया. गोष्ठी में मंच पर पूज्य संत श्री शिवरूपानंद, पूज्य संत श्री परमात्मानंद, पूज्य महंत श्री वेदप्रकाश, पूज्य श्री अंशुदेव आचार्य, बहन अदिति दीदी, ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय वि. वि., पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना, महेश बिड़ला, दीपक चौबे, ममता साहू, व्यास देव भोई, राजकुमार प्रजापति, चेतन तरवानी उपस्थित थे.
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण रोकने के लिए बस्तियों में जागरूकता लाना, जहां धर्मान्तरण की आशंका है, ऐसी बस्तियों में सजग होकर संपर्क रखना होगा. देश के अनेक राज्यों में धर्म स्वातंत्र्य कानून लागू है. किन्तु न तो जनता को और न ही अधिकारियों को इस कानून की जानकारी है. हमें इसकी जानकारी अपने समाज में देनी होगी, जिससे धर्मांतरण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा सके.
भारत में प्रति दस वर्ष में हुए जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि, देश में धार्मिक अनुपात में हिन्दुओं की संख्या कम हुई है. जहां जहां हिन्दुओं की संख्या कम हुई, वहां समस्या बढ़ी है. हिन्दुओं पर अत्याचार हुए, देश के कई प्रान्तों में इसके उदाहरण देखने को मिलते हैं. जो स्थान हिन्दू बाहुल्य है, वहां शांति है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी यह आवश्यक है.
कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्ध नागरिकों की जिज्ञासा के लिए प्रश्न आमंत्रित किये गए थे. मुख्य वक्ता ने सबके प्रश्नों के उत्तर देकर समाधान किया. बड़ी संख्या में गोष्ठी में उपस्थित प्रबुद्धजनों में से 187 लोगों ने गोष्ठी को लेकर अपना लिखित अभिमत भी दिया है.