जयपुर, 20 नवम्बर.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि विचार के क्षेत्र में हमें अभी भी काफी काम करने की आवश्यकता है. आने वाले समय में तंत्र, समाज और विचार के क्षेत्र में समान रूप से काम करना होगा. आज का भारत एक मजबूत भारत है. देश की अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति सुदृढ़ है. भारत एक बड़ी उड़ान भरने के लिए तैयार है. भारत की पहचान हिन्दुत्व के साथ स्थापित होती जा रही है. गांवों से निकला व्यक्ति आज शिखर पर है, यह सामाजिक क्रांति का प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है. कोविड के दौरान भी हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर और सशक्त बनी रही. हमारी अर्थव्यवस्था मैनुपुलेटेड नहीं है और हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो चुके हैं. आज भारत का हर युवा यह सोचता है कि वह किसी न किसी कंपनी का एमडी बने.
अरुण कुमार मंगलवार को एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से बिरला सभागार में आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत एक हजार वर्ष तक अजेय रहा. इस दौरान हमने लगातार संघर्ष किया.
उन्होंने कहा कि “इस्लाम से संघर्ष का स्वरूप अलग था. राज्यों का विभाजन, मंदिरों का ध्वंस, महिलाओं के साथ अत्याचार और मानव व्यापार जैसी घटनाएं हमने पहले कभी नहीं देखी थीं. इस कालखंड में कई लोगों ने समझौते कर लिए. घूंघट, पर्दा और रात में विवाह जैसी परंपराएं हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं थीं”.
उन्होंने कहा कि अंग्रेज यह समझ नहीं पाए कि मुगल भारत की संस्कृति को समाप्त क्यों नहीं कर पाए. इसके बाद उन्होंने शिक्षा प्रणाली लागू की, जिसमें सिखाया गया कि आपके पिता-दादा मूर्ख थे और वही सही है जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं.
सह सरकार्यवाह ने कहा कि पहले समाज जातियों में नहीं बंटा था, बल्कि काम करने वाले समुदायों में विभाजित था. अंग्रेजों ने आर्यों के बाहरी होने की थ्योरी दी और 150-200 वर्षों में हमें हमारी जड़ों से काट दिया. हमारी संस्थाएं, विश्वविद्यालय और गुरुकुल नष्ट कर दिए. उन्होंने अंग्रेजी शासन के दौरान रिलीजियस कन्वर्जन के प्रयासों पर चर्चा करते हुए कहा, अंग्रेजों ने सोचा कि बंगाल में सभी ईसाई हो जाएंगे. लेकिन रामकृष्ण परमहंस के शिष्यों जैसे लोगों ने ऐसा कार्य किया कि रिलीजियस कन्वर्जन नहीं हुआ. भारतीय संस्कृति बची रही.
उन्होंने कहा कि अब विचार ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है. एकलव्य की कहानी पहले गुरु-शिष्य की थी, लेकिन अब इसे जनजाति और ब्राह्मण विरोध के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा है. इसी तरह आरएसएस को तिरंगे और राष्ट्र गान का विरोधी बताया जाता है. विरोधी लगातार भ्रम फैलाने के लिए आरोप लगाते हैं. भारत के विरोधी देश भी इस भ्रम को फैलाने में साथ देते हैं. मुस्लिम विरोधी, किसान आंदोलन, अडानी-अंबानी जैसे नामों का इस्तेमाल कर भ्रम पैदा किया जाता है. ऐसे में विचार की स्पष्टता बेहद आवश्यक है.
यह अमृतकाल है. अगले 25 वर्षों में भारत सूर्य की तरह चमकेगा. यह केवल भारत को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को रोशन करेगा. हमें स्वाधीनता से स्वतंत्रता तक की यात्रा करनी होगी.
Bharat mata ki jai 🙏
Hmara desh vikshit hone ja raha jai .