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भारत के मन, संस्कृति, तत्वज्ञान को विस्तार मिले – पद्मश्री मनोज जोशी

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सूरत, गुजरात. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सूरत में 7 से 9 जून तक होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक से पूर्व 06 जून को ‘नागरिक सत्कार समारोह’ का आयोजन हुआ. इस अवसर पर प्रसिद्ध अभिनेता मनोज जोशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

‘नागरिक सत्कार समारोह’ में अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि यदि राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है तो प्रत्येक व्यक्ति के शील का निर्माण, ज्ञान का वर्धन और प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ना पड़ेगा. जब JNU में टुकड़े-टुकड़े गैंग आमादा होता है तो उसका प्रतिकार भी तीक्ष्णता से करने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ही होती है. विद्यार्थी परिषद की ध्येय यात्रा कभी अपने पथ से डिगी नहीं.

उन्होंने कहा कि मेरे डीएनए में केवल और केवल भारतीयता है. भारत की संजीवनी ऊर्जा ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ है. मेरी शिक्षा व संगोपन (पालन-पोषण) संघ में हुआ है. आज 6 जून को शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का 350वां वर्ष पूर्ण हुआ है, यह अवसर हम भारतीयों के लिए विशेष है. शिवाजी महाराज ने शून्य से शुरू कर अपना विश्व‌ निर्माण किया तथा उस समय देश में नई ऊर्जा भरी. भारत के मन, संस्कृति, तत्वज्ञान को विस्तार मिले. एक समय अपनी मातृभाषाओं से हमें काटा गया, भारतीय मूल्यों के प्रति हीनभावना रखी गई. मातृभाषा से किसी का अहित नहीं होता, मातृभाषा को‌ भूलने से हम अपनी संस्कृति और अपनी मिट्टी को भूल‌ जाते हैं. मातृभाषा को अपनी जीवनशैली व्यवहार में लाने के लिए प्रयास करना चाहिए.

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश के शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा दिखाई है, देश के क्षेत्र में वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप तेजी से विकास करने की आवश्यकता है. विद्यार्थी परिषद की यात्रा अपने 75वें वर्ष में है. यह यात्रा देश के हजारों युवाओं को प्रेरणा देने वाली तथा उन्हें जीवन में एक नई दिशा दिखाने वाली रही है.

कार्यक्रम में सूरत के गणमान्य नागरिक, व्यवसायी भी शामिल हुए. कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुजरात की लोक संस्कृति के दर्शन हुए.

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