इंदौर. विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की त्रिदिवसीय बैठक आज इंदौर के अग्रसेन महासभा भवन में प्रारंभ हुई. पत्रकार वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद जी परांडे ने बताया कि बैठक में मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, धर्मांतरण, लव जिहाद, मुस्लिम घुसपैठ, जनसंख्या असंतुलन, बढ़ती इस्लामिक जिहादी हिंसा एवं गौ हत्या रोकने के विषयों पर योजना बनाएंगे. हिन्दू विरोधी विघटनकारी शक्तियों से निपटने हेतु सामाजिक समरसता एवं एकात्मता को बढ़ाने वाले कार्यों की गति बढ़ाने की योजना बनाएंगे. देशभर में हिन्दुओं की वर्तमान स्थिति, उनके समक्ष खड़ी चुनौतियों तथा उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी. बैठक में मजहबी कट्टरता, चुनौती एवं समाधान विषय पर प्रस्ताव पारित करने पर भी विचार किया जा रहा है. इनके अलावा हिन्दू समाज से जुड़े अन्य सम-सामयिक विषयों पर भी चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद का हितचिंतक अभियान गत नवंबर माह में संपन्न हुआ है. इस अभियान में 72 लाख से अधिक हितचिंतक बने हैं, जिसमें 15 लाख से अधिक माता-बहनें एवं 35 लाख से अधिक युवा शमिल हैं. अभियान के निमित्त हम लोग 1 लाख 23 हजार गांवों तक पहुंचे हैं. इस अभियान के अनुवर्तन का विचार बैठक में किया जाएगा. 2024 में विश्व हिन्दू परिषद के 60 वर्ष (सष्टिपूर्ति वर्ष) पूर्ण होने तक हम एक लाख से अधिक गांवों में समितियों का निर्माण करेंगे.
बैठक में देश विदेश से 350 से अधिक प्रांत स्तर और उन से ऊपर के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों से आए कार्यकर्ता अपने-अपने राज्यों की वर्तमान स्थिति व हिन्दू समाज के समक्ष चल रही विभिन्न परिस्थितियों से अवगत कराते हुए गत छह माह में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की चर्चा के साथ आगामी 6 माह की अपनी कार्य योजना का खाका भी सबके समक्ष रखेंगे. बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, मातृशक्ति, सेवा, सामाजिक समरसता, धर्म प्रसार, गौ रक्षा इत्यादि आयाम भी अपने अपने कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे.
हिन्दू समाज के शौर्य जागरण के लिए दिसंबर माह में देश के हजारों स्थानों पर बजरंग दल की शौर्य यात्रा के कार्यक्रम सम्पन्न हुए हैं. धर्मांतरण के षड्यंत्र को उजागर करने के लिए भी हजारों स्थानों पर बड़े कार्यक्रम हुए हैं.
पिछले 6 माह में विश्व हिन्दू परिषद के सेवा कार्य के 2000 से अधिक छोटे-बड़े प्रकल्प बढ़े हैं. हिन्दू समाज के वंचित व अभावग्रस्त वर्गों के लिए शिक्षा, सेवा, स्वास्थ्य, रोजगार व महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में नए सेवा कार्यों की योजना बनाएंगे.