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दिवंगत पत्रकारों के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी – आलोक मेहता

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भोपाल. वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दिवंगत हुए पत्रकारों के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मेहता शुक्रवार को नारद जयंती पर विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित वर्चुअल संवाद में संबोधित कर रहे थे. दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी सामाजिक सरोकार और भारतीय संस्कारों को बढ़ाने वाली परंपरा को आगे ले जाने के लिए नए लोगों को आगे लाना होगा. इसमें हमें अपनी जिम्मेदारी भी निभानी होगी. जो जीवित हैं उन्हें किस तरह हम मुख्यधारा में शामिल कर सकते हैं, ताकि वे और ऊर्जा के साथ काम कर सकें, इस पर ध्यान देने की भी आवश्यकता है. कार्यक्रम की प्रस्तावना वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय ने रखी.

वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पटेरिया को याद करते हुए प्रवीण दुबे ने कहा कि पटेरिया जी दूसरी लाइन तैयार करने वाले पत्रकार थे, जो युवाओं को भरपूर अवसर देते थे. लगातार पढ़ना, अद्यतन रहने के साथ वे प्रयोग धर्मी और तकनीकी को आत्मसात करने वाले पत्रकार थे. वह चलते फिरते संस्थान थे.

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि समाज सेवा और मानवीयता प्रवीण श्रीवास्तव का अभिन्न अंग थी. टीकमगढ़ क्षेत्र में निःशुल्क कोचिंग, मिशन फॉर मदर, भोपाल में बुंदेली भवन सहित अनेक कार्य के लिए वह सदैव जाने जाएंगे. अस्पताल में अंत समय पर भी उन्होंने बिजली कर्मचारियों के हितों को लेकर वीडियो पोस्ट किया, यह उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है.

प्रो. कमल दिक्षित जी को याद करते हुए सतीश एलिया जी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक और एक अच्छे मोटीवेटर के तौर पर कमल दीक्षित जी सदैव याद किए जाएंगे. वह हमेशा समाज और देश की चिंता करते थे. सादगी उनके जीवन का अहम हिस्सा थी. युवाओं से सीधे संवाद करना उनकी खूबी थी. वरिष्ठ पत्रकार अनिल यादव को याद करते हुए अखिलेश श्रीवास्तव जी ने बताया कि वन्य प्राणियों, पर्यावरण संरक्षण व शोषित वर्ग की पत्रकारिता में अलग स्थान हासिल किया. वह ऑफबीट खबरों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. कई संवेदनशील विषयों पर बनाई गई उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्में देश विदेश में प्रसारित की जा चुकी हैं. वे एक चलता फिरता स्कूल थे.

इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जीवन साहू को श्रद्धांजलि देते हुए इंदौर प्रेस क्लब के वर्तमान अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि श्री साहू पत्रकार के साथ-साथ एक अच्छे समन्वयक थे. इसके साथ ही प्रकाश बियानी और प्रभु जोशी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्री विरानी ने व्यवसायिक पत्रकारिता को अलग मुकाम पर पहुंचाया तो वहीं प्रभु जोशी जी ने चित्रकार, कहानीकार, साहित्यकार के साथ-साथ एक श्रेष्ठ पत्रकार के रूप में इंदौर को नई पहचान दी.

जबलपुर से जुड़े संजीव चौधरी ने भगवतीधर वाजपेयी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके द्वारा गढ़े गए 1 हजार से ज्यादा पत्रकार आज सामाजिक मूल्यों के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं. अटल जी और नाना जी देशमुख के साथ पत्रकारिता करने वाले श्री वाजपेई जी ने जीवन में सदैव मूल्यों को ही प्राथमिकता दी.

संजीव चौधरी ने अजीत कुमार वर्मा द्वारा जबलपुर में किए गए ऐतिहासिक कार्यों का वर्णन करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए. उन्होंने जहीर अंसारी सुशील तिवारी व विनोद शिवहरे को भी याद किया.

ग्वालियर से जुड़े बृजमोहन जी ने कहा कि अपने लेखन और हुनर से कम उम्र में पहचान बनाने वाले आकाश सक्सेना को कभी नहीं भुलाया जा सकता. उन्हीं का प्रयास है कि ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला आत्मनिर्भर बनी. उन्होंने राजेंद्र श्रीवास्तव, देवकीनंदन शर्मा और रतिराम शाक्य को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला.

कार्यक्रम में कल्पना दीदी ने कहा कि जो पत्रकार दिवंगत हो गए हैं और उनके परिजन तंगहाली में जीवन गुजार रहे हैं, ऐसे लोगों की मदद करना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष आशीष जोशी ने किया. विश्व संवाद केंद्र के सचिव दिनेश जैन ने धन्यवाद व आभार ज्ञापित किया.

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