जम्मू-कश्मीर. बांदीपोरा जिले का वेयान गांव वयस्कों को 100 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने वाला पहले गांव बन गया है. गांव में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लग चुका है. कश्मीर संभाग के वेयान गांव में टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जहां ग्रामीणों ने जागरुकता दिखाई, वहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिश्रम किया.
जंगलों के बीच बसे गांव तक पहुंचने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिदिन लगभग 11 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता था, जिसके बाद डोर-टू-डोर मुहिम के तहत ग्रामीणों को टीका लगता था. बीते शुक्रवार को जब स्वास्थ्य कर्मियों की टीम गांव में पहुंची तो सभी 362 ग्रामीणों ने टीका लगवा लिया था. गांव में ज्यादातर आबादी जनजातीय समुदाय की है, जो हमेशा गर्मियों में पहाड़ों की ओर निकल जाते हैं, और अपने पशुओं संग पतझड़ के सीजन में ही लौटते हैं.
बांदीपोरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बशीर अहमद खान ने कहा कि गांव में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, इसलिए वहां के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए अपॉइंटमेंट हासिल करना संभव नहीं था. गांव में वैक्सीनेशन जम्मू-कश्मीर के मॉडल के तहत किया गया, जहां तेजी से राज्य की सभी 18 प्लस आबादी का वैक्सीनेशन किए जाने के लिए 10 सूत्रीय रणनीति तैयार की गई थी. उन्होंने कहा कि शुरुआत में लोगों में हिचकिचिहाट थी.
बांदीपोरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मसरात ने बताया कि गांव में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लग चुका है. यदि हम इंतजार करते तो ये लोग पहाड़ों की ओर निकल जाते और फिर उन्हें टीका लगा पाना मुश्किल होता. इसीलिए हमने पहले ही यह टारगेट हासिल कर लिया है. वहीं अब अगला टीका 12 सप्ताह के गैप पर लगेगा और हमने जानवरों के साथ पहाड़ों पर जाने वालों से उनके रूट के बारे में पूछ लिया है, ताकी जरूरत पड़ने पर पहाड़ों पर ही कहीं जाकर टीके लगाए जा सकें. डॉक्टर मसरात ने कहा कि यदि हम उन्हें अभी टीका नहीं लगा पाते तो फिर अक्तूबर में उनके लौटने तक इंतजार करना पड़ता.
डॉक्टर मसरात ने कहा कि गांव के लोग पहले टीका नहीं लगवा रहे थे. लेकिन काउंसिलिंग के बाद सभी लोग वैक्सीनेशन के लिए राजी हो गए. यह गांव पिछड़ा है, जहां सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं है. दो सप्ताह पहले जब हमने वहां टीम भेजी थी, तो सरपंच सहित सिर्फ 6 लोग इसके लिए आगे आए थे. इसके बाद हमने सरपंच और उन लोगों को रोल मॉडल के तौर पर पेश किया, जिन्होंने टीका लगवा लिय़ा था. इसके बाद उन लोगों ने सभी को प्रेरित किया और सभी लोगों के राजी होने पर टीकाकरण का 100 फीसदी लक्ष्य हासिल हो पाया है.
गांव के सरपंच लाल भट ने बताया कि शुरुआत में लोग टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं थे. गांव में कुल 710 लोग हैं, जिनमें से 362 लोगों को टीका लगना था. लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे. फिर जब उन्होंने मुझे वैक्सीन लगवाते हुए देखा और मुझे कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ, तो फिर सभी लोग इसके लिए आगे आए थे. स्वास्थ्य विभाग ने शानदार काम किया है. उन्होंने बताया कि दो दिनों तक सभी को वैक्सीन लगाने के लिए टीम गांव में ही रुकी थी.