जोधपुर, राजस्थान.
कुछ दिन पहले सूरसागर क्षेत्र सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस उठा था. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए हिंसा को नियंत्रित कर लिया. और अब माहौल शांत है. पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है. हिंसा के बाद अब ड्रोन सर्वे से पता चला है कि घरों की छतों पर पत्थर एकत्रित करके रखे गए थे. क्षेत्र में पिछले पांच साल में हिंसा की तीसरी घटना है. अप्रैल 2019 और जून 2022 में भी सूरसागर में तनाव उत्पन्न हुआ था.
हिन्दू बहुल क्षेत्र में ईदगाह की दीवार तोड़कर एक दरवाजा हिन्दू बस्ती की ओर खोला गया और इसी के बाद विवाद की शुरुआत हुई. लोगों ने विरोध जताया और मामला थाने तक गया. हिन्दू पक्ष जब थाने में शिकायत कर वापस लौट रहा था तो कट्टरपंथियों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. विवाद बढ़ा और पुलिस ने सक्रियता से स्थिति को नियंत्रित किया. ईदगाह से दरवाजा हटा दिया गया और वहां पर फिर से दीवार बना दी गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने मामले में साठ लोगों को गिरफ्तार किया है.
अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जहां हिंसा हुई, उस क्षेत्र का ड्रोन सर्वे कराया गया. इसमें पता चला कि चार-पांच लोगों के घरों की छत पर करीब 2 ट्रॉली पत्थर जमा थे.
5 क्षेत्रों में धारा 144 लागू
सूरसागर में हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन सतर्क है. एहतियातन पांच क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई है. सूरसागर, प्रताप नगर, प्रताप नगर सदर, देव नगर और राजीव गांधी थाना क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है.
जून 2022 में हिंसा
सूरसागर में राजाराम सर्कल में जून 2022 में हिंसा भड़की थी. सर्कल के पास रात करीब आठ बजे कुछ युवक झगड़ा कर रहे थे. एक युवक ने बीच-बचाव किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी. कुछ ही दूरी पर तैनात पुलिस ने बीच बचाव किया और एक युवक को पकड़कर थाने ले आई, जबकि अन्य युवक भाग गए. मारपीट का पता लगते ही सर्कल के आस पास के लोग विरोध में उतर आए.
शोभायात्रा पर पथराव
अप्रैल 2019 में रामनवमी शोभायात्रा के बाद हिंसा हुई थी. शोभायात्रा समापन के बाद शाम को रथ और झांकियां सूरसागर से लौट रही थीं. इस दौरान झांकियों पर पथराव हुआ. बाइक सवार दो युवकों को पीटने के फुटेज पुलिस को देने की वजह से हमला किया गया था.
परशुराम जयंती पर बवाल
2 मई, 2022 को जोधपुर में परशुराम जयंती के दिन बवाल हुआ था. इस दौरान जालोरी गेट चौराहे पर झंडे लगाए गए. देर रात ईद को लेकर समाज के लोगों ने भी इसी चौराहे पर झंडे लगाने की कोशिश की. इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई. दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर कर स्थिति को नियंत्रित किया.