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चीन और अमेरिका को चुनौती देगा हरियाणा, करनाल में बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क

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सांकेतिक चित्र

हरियाणा (विसंकें). हरियाणा के मेडिकल उपकरण निर्माता अब चीन और अमेरिका सरीखी महाशक्तियों को तगड़ी चुनौती देंगे. इसके लिए करनाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडिकल डिवाइस पार्क की परिकल्पना को साकार रूप दिया जाएगा. यह कदम कोरोना काल में मेडिकल उपकरणों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है. हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन एचएसआइआइडीसी इसकी साइट विकसित करेगा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से निकटता के चलते करनाल के हिस्से यह बहुआयामी प्रोजेक्ट आया है.

150 एकड़ में होगा पार्क का निर्माण, बड़े निवेश की भी योजना
केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए मेडिकल डिवाइस निर्माण व फार्मा सेक्टर के लिए 13760 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसी के तहत हरियाणा में तीन बड़े प्रोजेक्ट अस्तित्व में आएंगे. इनमें पानीपत में मेगा ड्रग पार्क व सोहना में इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क शामिल हैं. करनाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा. हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन एचएसआइआइडीसी इन्हें विकसित करेगा.

मेडिकल डिवाइस सेक्टर के लिए 3820 करोड़ रुपये का प्रावधान
इसके लिए करनाल में 150 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जहां पर्याप्त मात्रा में मेडिकल उपकरणों का निर्माण करके इस क्षेत्र में भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. करनाल के सांसद संजय भाटिया ने प्रस्ताव का स्वागत किया है.

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बनेंगे बहुपयोगी उपकरण
बीती मार्च में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 61802 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया, जिसमें मेडिकल डिवाइस व फार्मा सेक्टर के लिए 13760 करोड़ का प्रावधान है. मेडिकल डिवाइस सेक्टर पर 3820 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिनसे देश भर में पार्क बनाए जाएंगे. इनके निर्माण में केंद्र सरकार 400 करोड़ रुपये का सहयोग देगी. मेडिकल डिवाइस निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव दिया जाएगा, जिस पर 3420 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके तहत एमआरआइ मशीन, पैथोलॉजी मशीन, एक्सरे मशीन सरीखे उपकरण निर्मित होंगे, जिनके लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है.

क्या होगा पार्क में
पार्क में मेडिकल उपकरणों के उत्पादन में जरूरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे आयात बिल में कटौती संभव होगी, वहीं उच्च गुणवत्ता वाली टेस्टिंग सुविधाएं बढ़ेंगी और लागत घटेगी. एक अनुमान के मुताबिक देश के रिटेल मार्केट में मेडिकल डिवाइस का कारोबार करीब 70 से 80 हजार करोड़ रुपये का है.
ऐसे उपकरणों के मामले में भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है. इसके बावजूद भारतीय मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री बहुत छोटी है. भारत अपनी जरूरत के लिए आयात पर निर्भर है. मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के बाद इस स्थिति को बदलने में मदद मिलेगी.

आत्मनिर्भर होगा भारत – एसडीसी
”मेडिकल उपकरण व फार्मा सेक्टर में हरियाणा में काफी निवेश की संभावना है. भारत मेडिकल क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भर बनना चाहता है ताकि भविष्य में किसी भी आपदा से आसानी से निपट सके. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशा-निर्देशन में इसके लिए बहुआयामी पॉलिसी बनाई गई है. इसके बेहतर नतीजे मिलेंगे. – नरेंद्र आहूजा, मुख्य औषधि नियंत्रक, हरियाणा.

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