वक्फ बोर्ड ने विजयपुरा (कर्नाटक) जिले में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा किया है. किसानों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है. नोटिस मिलने के बाद किसानों में आक्रोश व चिंता दिख रही है. विजयपुरा जिले के होनवाड़ा गांव की 1200 एकड़ जमीन पर शाह अमीनुद्दीन दरगाह ने अपना हक जताया है. स्थानीय तहसीलदार ने जमीन मालिक किसानों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. टिकोटा तालुका स्थित होनवाड़ा गांव के किसानों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक और कांग्रेस सरकार से भी की है. लेकिन, समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा.
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों ने आरोप लगाया कि सम्बंधित अधिकारी इस क्षेत्र को शाह अमीनुद्दीन दरगाह से जुड़ी मुस्लिमों की मजहबी संस्था के रूप में नामित करने का प्रयास कर रहे हैं. तहसीलदार ने नोटिस भेजा है और उसमें पुराने सरकारी रिकॉर्ड का हवाला देते हुए जमीनें वक्फ बोर्ड की बताई गई हैं.
राज्य के आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमीर अहमद खान ने इस महीने की शुरुआत में वक्फ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में वक्फ भूमि पर ‘अतिक्रमण’ को लेकर चर्चा की गई थी. चर्चा के बाद अधिकारियों ने ‘अवैध अतिक्रमण’ को हटाने का प्रयास किया और इसके तहत यह नोटिस भेजा गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसानों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि यह जमीन शाह अमीनुद्दीन दरगाह की है. वहीं, किसानों का कहना है कि ये दरगाह सदियों से अस्तित्व में नहीं है, जबकि पीढ़ियों से उनके परिवार इन जमीनों के मालिक हैं. लगभग 41 किसानों को नोटिस मिला है और उनसे स्वामित्व के कागजात देने के लिए कहा गया है.
वक्फ बोर्ड का दावा है कि ये नोटिस 1974 के गजट की घोषणा पर आधारित है. भूमि को राज्य सरकार ने वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया था और इसे गजट में दर्ज किया था. हालांकि, कुछ नोटिस गलती से किसानों को भेज दिए गए. अगर किसानों के पास वैध भूमि रिकॉर्ड हैं तो वक्फ बोर्ड उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
विजयपुरा के किसानों ने मंत्री एमबी पाटिल से मुलाकात के बाद भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या से भी मुलाकात की. तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए कांग्रेस सरकार किसानों की जमीन को वक्फ बोर्ड को सौंपने की साजिश कर रही है. मंत्री पाटिल ने किसानों को न्याय दिलाने का वादा किया है.
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, किसान प्रभु गौड़ा ने कहा, ‘वक्फ बोर्ड राज्य सरकार के साथ मिलकर हम किसानों की जमीन पर कब्जा करने की साजिश कर रहा है. 4 एकड़, 10 एकड़, 5 एकड़ जमीन को अगर वक्फ बोर्ड हड़प लेगा तो किसानों के पास जहर खाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. भीख मांगकर खाना पड़ेगा, बच्चों की शादी कैसे करेंगे, हमारे जमीन के कागज को लेकर लोन लेने बैंक जाएंगे तो बैंक वाले कहेंगे कि वक्फ बोर्ड से NOC लाओ तभी लोन देंगे. ये कैसे सम्भव होगा. ये सरकार हम किसानों का बहुत शोषण कर रही है. इस अन्याय को हम सहन नहीं कर सकते’.
एक अन्य किसान अरविन्द कुलकर्णी ने कहा, दस्तावेजों और पहले भेजे गए नोटिस में आज तक कभी भी वक्फ बोर्ड का नाम नहीं लिया गया, लेकिन जब से मंत्री जमीर यहां आकर गए उसके अगले दिन ही DC ने वक्फ बोर्ड के नाम से नोटिस भेज दिया. ये नोटिस किसानों के लिये आघातकारी है. गनीमत है कि अभी तक किसी को हार्ट अटैक नहीं हुआ है. अगर हमारी एक इंच जमीन भी ली गई तो हमारे पास जान देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा. हम सब जिलाधीश कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर लेंगे.