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बोतल में बांस की कलाकृति बनाने वाले करतार सिंह को मिला पद्मश्री

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शिमला. बांस की कलाकृतियां बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निवासी करतार सिंह को केंद्र सरकार ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया है. एनआईटी हमीरपुर में सेवाएं देने के बाद मार्च 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे. करतार सिंह बांस पर कलाकृतियां बनाकर विलुप्त हो रही कला को संजोए रखने के प्रयास में जुटे हैं. अपने शौक को पूरा करने के लिए वह बांस की कलाकृतियां बनाकर प्रदर्शनियां लगाते हैं.

बोतल में आप अंगुली तक नहीं घुसा सकते. लेकिन करतार सिंह  के हाथों के हुनर ने लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने के लिए मजबूर कर दिया है. वह  बोतल में कलाकृति को उतारने में माहिर हैं. बोतल में किसी प्रकार की कलाकृति बनाना कोई आसान काम नहीं है. लेकिन करतार सिंह कई बार ऐसा करके दिखा चुके हैं.

करतार सिंह को बांस से भगवान की मूर्तियां, एफिल टावर, ताज महल जैसी कलाकृतियां बनाने के लिए जाना जाता है. करतार सिंह को बचपन से ऐसे मॉडल बनाने का शौक है. हाल ही में प्रदेश सरकार ने पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नाम केंद्र सरकार को भेजा था. अवार्ड की सूचना मिलने के बाद करतार सिंह के परिवार में खुशी का माहौल है. करतार सिंह का जन्म उपमंडल नादौन के टप्पा नारा में एक अप्रैल, 1959 में हुआ. 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई उन्होंने राजकीय पाठशाला गलोड़ से पूरी करने के बाद उन्होंने फार्मासिस्ट की पढ़ाई की.

करतार सिंह नादौन की ग्राम पंचायत नौहंगी गलोड़ के साथ सटे रटेड़ा (नारा) के रहने वाले है. परसराम के घर जन्मे 62 वर्षीय करतार सिंह को बचपन के शौक ने सम्मान दिलाया है. पद्मश्री मिलना वह कला का सम्मान बताते हैं. करतार सिंह के पिता व दादा कारपेंटर का काम करते थे. बचपन में यह हसरत पूरी न हो सकी. फिर नौकरी के दौरान खाली समय में थोड़ा प्रयास करना शुरू किया. धीरे-धीरे कला में निखार आता गया और लोगों की सराहना मिलने से हौसला बांस की तरह ऊंचा उठने लगा. हौसले से इन कलाकृतियां का रूप और निखरता गया. करतार सिंह कभी फ्रांस नहीं गए, लेकिन एफिल टावर को बंद बोतल में तैयार कर दिया. मनाली का हिड़िंबा माता मंदिर, आगरा का ताजमहल, नग्गर स्थित त्रिपुरा माता सुंदरी मंदिर, शिमला की पहचान ऐतिहासिक चर्च, सहित कई महान हस्तियों की कलाकृतियां बांस की तीलियों से तैयार की हैं.

करतार सिंह  को अब तक कई पुरस्कार मिले हैं. बांस की कलाकृतियां बनाने पर उन्हें कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडियन बुक ऑफ अवार्ड, हमीर गौरव सहित अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं.

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