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उत्तर प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों में दूर होगी शिक्षकों की कमी

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा के उत्थान व पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए मानदेय पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है.

संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं पठन-पाठन की सुचारू व्यवस्था के लिए यह निर्णय लिया गया है. मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने के लिए जिले स्तर पर संबंधित संस्कृत अशासकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया गया है.

चयन समिति में संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा नामित एक अधिकारी के अलावा जिला विद्यालय निरीक्षक, मंडल के उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित दो विशेषज्ञ शामिल होंगे. मानदेय पर नियुक्ति के लिए चयन समिति में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित विशेषज्ञों द्वारा परंपरागत विषय के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार संस्कृत भाषा में ही लिया जाएगा. चयन के लिए शैक्षिक पृष्ठभूमि से 120 अंक एवं साक्षात्कार से 80 अंक दिए जाएंगे.

पूर्व मध्यमा स्तर के लिए शिक्षण कार्य पर 12 हजार रुपये प्रतिमाह तथा उत्तर मध्यमा स्तर के लिए शिक्षण कार्य पर 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. चयन में राज्य सरकार की वर्तमान आरक्षण नीति के अनुरूप नियमानुसार आरक्षण का भी प्रावधान रहेगा.

 

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