वर्ष 2006 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर हुए हमले के मुख्य साजिशकर्ता लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रजाउल्ला निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, खालिद वर्ष 2002 की शुरूआत में नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अभियानों का मुखिया हुआ करता था। आतंकी खालिद के विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्ला सहित कई उपनाम थे। वह भारत में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल था।
खालिद को सिंध प्रांत के बदनी क्रॉसिंग के निकट अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। सैफुल्लाह खालिद लश्कर के अबू अनस का निकटतम सहयोगी था। सैफुल्लाह खालिद नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था। हमले के सभी तीन आतंकी मारे गए थे। आरएसएस मुख्यालय पर हमले के अलावा लश्कर का यह आतंकवादी बैंगलूरू के भारतीय विज्ञान संस्थान पर 2005 में हुए हमले में शामिल था। इस हमले में आईआईटी के प्रोफेसर मुनीष चन्द्र पुरी मारे गए थे और चार अन्य लोग घायल हुए थे। खालिद उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल-सीआरपीएफ के एक शिविर पर 2008 में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था। हमले में सीआरपीएफ के सात कर्मी और एक नागरिक की मृत्यु हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाने पर आतंकी खालिद को मृत घोषित कर दिया गया। रिपोर्ट में इसे व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला भी बताया गया है।