नई दिल्ली. असामाजिक, भारत विरोधी गतिविधियों के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर रहा है. सीएए विरोधी प्रदर्शनों को उकसाने, सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक विरोध करने, सिमी से संबंध, विदेश से गैरकानूनी तरीके से पैसा जुटाने सहित अन्य मामलों में इस संगठन के खिलाफ कई तथ्य भी एजेंसियों के हाथ लगे हैं.
वैसे, पीएफआई की ओर दावा किया जाता है कि वह पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार में आवाज उठाने वाला संगठन है. संगठन की जड़ें केरल के कालीकट में और मुख्यालय नई दिल्ली में है. कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद मुस्लिम संगठन होने का मुखौटा भी उतर गया. पीएफआई के नेता शराब का धंधा (बार) कर रहे हैं, जबकि इस्लाम में शराब हराम है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय एजेंसी को अबू धाबी में PFI नेताओं के रेस्तरां और बार होने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. मुस्लिम जानकारों का कहना है कि इस्लाम में खुद को शराब से दूर रखने की बात कही गई है.
केरल में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने संगठन के सदस्यों के ठिकानों पर छापे मारे. आठ दिसंबर को पीएफआई के सदस्य शफीक पेयथ के घर, पीएफआई के मलाप्पुरम में पेरमपादप्पु के डिविजनल अध्यक्ष बीपी अब्दुल रजाक, एर्नाकुलम के मुवाट्टुपुझा में पीएफआई नेता एमके अशरफ उर्फ तमर अशरफ के मुन्नार के मनकुलम स्थित मुन्नार विला विस्टा परियोजना परिसर पर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी.
पीएफआई ने छापेमारी की कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश की. जिस पर एजेंसी ने सीआरपीएफ के जवानों की सहायता ली और इस दौरान अपराध में संलिप्तता का संकेत देने वाले दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, विदेश से धन प्राप्त करने और विदेश में संपत्ति रखने के सबूत मिले.
ईडी ने बताया कि जब्त दस्तावेजों से पता चलता है कि पीएफआई मुन्नार विला विस्टा परियोजना सहित केरल में विभिन्न परियोजनाओं के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त है. ‘पीएफआई नेताओं द्वारा अबूधाबी में बार और रेस्तरां सहित विदेश में संपत्ति जमा करने के आरोप प्रवर्तन निदेशालय के संज्ञान में आए हैं, जिसकी जांच की जा रही है.’
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गोकुलपुरी, गंगा विहार, दिल्ली स्थित जन्नते मस्जिद के प्रेसिडेंट खुर्शीद अंसारी साफ कहते हैं कि किसी भी मुसलमान के लिए शराब या किसी भी तरह से उसका कारोबार वर्जित है. यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट चलाना ठीक है लेकिन बार या शराब का बिजनस इस्लाम में बिल्कुल हराम है. जो लोग ऐसा करते हैं वे इस्लाम के तहत काम नहीं कर रहे हैं.
सिमी की बी टीम तो नहीं पीएफआई?
केरल से शुरू होकर यह संगठन अब दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेशष असम सहित 20 से ज्यादा राज्यों में अपनी पहुंच बना चुका है. पीएफआई खुद को न्याय, सुरक्षा और स्वतंत्रता का पैरोकार बताता है. मुस्लिम संगठन होने के नाते इसकी ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों से संबंधित होती हैं. 2006 में पूरी तरह से प्रतिबंधित किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के बाद इसके उदय के चलते इसे सिमी की बी-टीम भी कहा जाता है. 2012 से ही इसे बैन करने की मांग उठती रही है. केरल में इस संगठन से जुड़े लोगों के पास से हथियार, बम से जुड़े दस्तावेज मिले थे.