भोपाल. नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के पश्चात पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर भारत में आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का क्रम राज्यों में भी प्रारंभ हो गया है.
CAA कानून के तहत अब मध्य प्रदेश में भी पहले तीन लोगों को नागरिकता मिली है. इन तीन लोगों में से दो पाकिस्तान और एक बांग्लादेश से है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 3 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किया. मध्य प्रदेश में अभी तक 61 लोगों ने सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया है. इन आवेदनों पर प्रक्रिया चल रही है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान और बांग्लादेश के तीन लोगों राखी दास, समीर मेलवानी और संजना मेलवानी को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए. समीर और संजना साल 2012 से भारत में ही रह रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली थी. अब प्रमाण पत्र मिलने के बाद सभी भारत के नागरिक बन गए हैं.
प्रमाण पत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की इस कठिनाई को दूर कर ऐसा रिश्ता दिखाया जो अखंड भारत की याद दिलाता है. 1947 में तात्कालिक सरकार ने भरोसा दिलाया था, जिस कारण हमारे हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी भाई पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में रह गए और उन्हें बहुत कष्ट हुए. इन लोगों को अपना धर्म-संस्कृति बचाने के लिए भारत आना पड़ा. भविष्य की पीढ़ियां हमारे देश का हिस्सा बन रही हैं. यह खुशी की बात है. हम सभी लोगों को स्वागत करते हैं.
11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 को अधिसूचित किया था, जिससे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ. जिसका उद्देश्य 31 दिसंबर, 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए उत्पीड़ित हिन्दुओं, सिक्खों, जैन, बौद्ध, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है.