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समाज की दिशा तय करता है सार्थक सिनेमा – कृष्णा गौर

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भोपाल। आज समाज की दिशा एवं दशा को निर्धारित करने के लिए सार्थक एवं उद्देश्यपूर्ण सिनेमा की अत्यंत आवश्यकता है, औऱ यह कार्य युवाओं द्वारा ही सम्पन्न किया जा सकता है। इस दिशा में ग्वालियर शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल का मंच युवाओं के लिए एक अच्छा अवसर साबित होगा, जहां वह अपनी रचनात्मकता को सार्थक स्वरूप दे सकेंगे।

सेज विश्वविध्यालय में “ग्वालियर शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2025” के पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (मध्यप्रदेश) कृष्णा गौर ने संबोधित किया।

सतपुड़ा चलचित्र समिति के अध्यक्ष लाजपत आहूजा और सेज विवि के प्रो वीसी डॉ. नीरज उपमन्यु भी उपस्थित रहे। सतपुड़ा चलचित्र समिति और विश्व संवाद केंद्र, मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में 8-9 मार्च को ग्वालियर में ‘ग्वालियर शार्ट फ़िल्म फेस्टिवल 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में 27 फरवरी को सेज यूनिवर्सिटी, भोपाल में पोस्टर विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

लाजपत आहूजा ने कहा कि प्रदेश के फिल्मकारों को अवसर मिलेगा। उनकी श्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। फेस्टिवल में फ़िल्म विधा से जुड़े विशेषज्ञ फ़िल्म निर्माण में रुचि रखने वालों से संवाद भी करेंगे। डॉ. नीरज उपमन्यु ने कहा कि ये हमारे विवि के छात्रों के लिए एक अवसर है, विशेषतौर पर फ़िल्म स्टडीज, विजुअल आर्ट के विद्यार्थियों के लिए। कार्यक्रम संचालन अभिलाष ठाकुर ने किया।

ग्वालियर फ़िल्म फेस्टिवल में चार कैटेगरी में फिल्में आमंत्रित हैं – शॉर्ट फिल्म, डॉक्युमेंट्री, कैंपस फिल्म एवं रील्स कैटेगरी।

फेस्टिवल के विषय महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, जनजाति समाज, ग्रामीण विकास, सामाजिक सद्भावना, भारतीय संस्कृति, हमारी धरोहर एवं लोकल सक्सेस स्टोरी पर आधारित है। फिल्म की अवधि भी निर्धारित की गई है, जिसमें शॉर्ट फिल्म 15 मिनट, डॉक्युमेंट्री अधिकतम 25 मिनट और रील्स के लिए 1 मिनट की हो।

सतपुड़ा चलचित्र समिति भारतीय चित्र साधना से संबद्ध है। भारतीय चित्र साधना 2 वर्षों में एक बार राष्ट्रीय स्तर का फिल्म फेस्टिवल आयोजित करता है।

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