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महबूबा मुफ्ती को उच्च न्यायालय से झटका, पासपोर्ट मामले में हस्तक्षेप से इंकार, याचिका खारिज

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जम्मू कश्मीर. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की पासपोर्ट जारी करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में उत्तरदाताओं द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है, इसलिए याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी जाती है. जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए महबूबा की याचिका को खारिज किया है.

जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने महबूबा मुफ्ती की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मेरी राय में यह अदालत याचिकाकर्ता के पक्ष में पासपोर्ट जारी करने की कोई हिदायत नहीं दे सकती है. किसी व्यक्ति विशेष के मामले में पासपोर्ट जारी करने के मामले में इस अदालत के पास कोई अधिकार नहीं है. अदालत सिर्फ संबंधित संस्था को संबंधित नियमों के आधार पर आवेदक को पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ही कह सकती है.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट कार्यालय ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट देने से इंकार कर दिया था. वहीं, पूर्व क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी श्रीनगर ने उच्च न्यायालय में एडीजीपी सीआईडी जम्मू-कश्मीर की एक रिपोर्ट भी जमा कर बताया कि सीआईडी ने महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट जारी करने की सिफारिश से इंकार किया है. नियमों के मुताबिक पुलिस की जांच रिपोर्ट पासपोर्ट के लिए अनिवार्य है. सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर महबूबा मुफ्ती का पासपोर्ट आवेदन पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा छह की उपधारा दो-सी के तहत खारिज किया गया है. महबूबा मुफ्ती के अलावा उनकी मां गुलशन मुफ्ती को भी जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग के नकारात्मक रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट देने से इंकार कर दिया है.

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