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देश की सरकार में योग्यता और समरसता का सामंजस्य, सबको साथ लेकर चलने की नीति

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पुरु शर्मा

बहुप्रतीक्षित मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर है. राजनीति के गलियारों से लेकर गांव की चौपालों तक विस्तार का शोर सुना जा सकता है. मंत्रीमंडल विस्तार के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया है कि यह सरकार गरीबों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों को साथ लेकर चलने वाली और उनके उत्थान के लिए कार्य करने वाली सरकार है. मंत्रिमंडल में देश के 25 राज्यों का प्रतिनिधित्व है. वहीं दूसरी ओर कुशल, उच्च शिक्षित, प्रतिभावान युवाओं को शामिल कर संतुलन साधा है. केंद्रीय मंत्री परिषद के इस व्यापक विस्तार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम कहीं ज्यादा व्यापक आधार वाली, अधिक सक्षम और प्रभावी दिखने लगी है. देश के सर्वांगीण विकास को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो समाज में सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देता है. सहयोगी दलों की भागीदारी के साथ ही युवाओं का बढ़ता बड़ा हुआ प्रतिनिधित्व लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है. महिलाओं की भागीदारी बड़ी है जो नारी सशक्तिकरण का प्रत्यक्ष उदाहरण है. साथ ही वंचित और पिछड़े तबकों की हिस्सेदारी बढ़ाकर समरसता स्थापित की गई है.

कुल मिलाकर यह मंत्रिमंडल योग्य, मजबूत, दृढ इच्छाशक्ति वाले, राष्ट्रहितार्थ समर्पित व्यक्तियों का साम्य है. जिनके चयन में योग्यता एवं अनुभव को प्राथमिकता देने के साथ ही क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा गया. पारम्परिक राजनीति से हटकर वरिष्ठ नौकरशाहों को भी आवश्यतानुसार अपनी टीम का हिस्सा बनाकर दूरदृष्टि दृष्टि का परिचय दिया है. मंत्रीमंडल विस्तार से स्पष्ट है ति अब दुगुनी ऊर्जा और उत्साह के साथ भारत विकास के अपने एजेंडे को पूरा करने में जुटेंगे. युवा जोश, वरिष्ठ अनुभव और सामूहिकता के सामजंस्य से विकास की नई राहें खुलेंगी.

जब हम इस केंद्रीय मंत्री परिषद का विश्लेषण करते हैं तो अब तक का सबसे संतुलित मंत्रिमंडल हमे दिखाई देखा है. जिसमें देश के प्रत्येक राज्य, प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक जाति का उचित प्रतिनिधित्व है. यह कहना सार्थक होगा कि यह कैबिनेट अनंत संभावनाओं से युक्त है और भारत को विश्वगुरु के पद पर स्थापित करने में पूर्णतः समर्थ है.

युवाओं को प्राथमिकता

इस बार कैबिनेट युवा उत्साह और जोश से भरपूर है. औसत आयु 61 से घटकर 58 पर पहुँच गई है. मंत्री परिषद में 14 लोग ऐसे हैं, जिनकी आयु 50 वर्ष से कम है. मंत्रिमंडल में युवाओं की बड़ी हिस्सेदारी एक शुभ संकेत है. निश्चय ही इसका लाभ देश को मिलेगा और व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा.

नारी शक्ति का सम्मान

महिलाओं के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध मोदी ने अपनी कैबिनेट में भी नारी शक्ति को उचित स्थान दिया है. इस बार मंत्रीमंडल में 2 कैबिनेट मंत्री सहित 11 महिलाओं को शामिल किया गया है जो महिला सशक्तिकरण का प्रत्यक्ष उदाहरण है. बुधवार को शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में सात महिलाओं ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.

सभी वर्गों का समावेश

सामाजिक समरसता और सामंजस्य का अद्भुत उदाहरण मोदी मंत्री परिषद है, जिसमें सभी वर्गों को रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व दिया गया है. चाहे बात अल्पसंख्यकों की हो, चाहे दलितों की हो, जनजाति समाज की या फिर ओबीसी वर्ग की. सभी वर्गों के योग्य और अनुभवी नेताओं को जगह दी गई है. 2 कैबिनेट मंत्री सहित रिकॉर्ड 12 मंत्री दलित वर्ग से, 3 कैबिनेट मंत्री सहित रिकॉर्ड 8 मंत्री एसटी वर्ग से, 5 कैबिनेट मंत्री सहित रिकॉर्ड 28 मंत्री ओबीसी वर्ग से तथा 3 कैबिनेट मंत्री सहित कुल 5 मंत्री अल्पसंख्यक वर्ग से बनाए गए हैं.

योग्य, कुशल और उच्च शिक्षित नेतृत्वकर्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रीमंडल में विषय विशेषज्ञों सहित कई नौकरशाहों और उच्च शिक्षित लोगों को शामिल किया है. जिनके अनुभव और ज्ञान से योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में सुविधा होगी और साथ ही संसाधनों की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा. मंत्रीमंडल में इस समय 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 सिविल सर्वेंट, 7 पीएचडी डिग्रीधारी, 3 एमबीए व 68 स्नातक डिग्रीधारी मंत्री हैं.

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