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राज्य के प्रवासी कामगार बनेंगे कृषि क्षेत्र में हुनरमंद

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पटना (विसंकें). कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. स्वरोजगार के लिए उनके कौशल को विकसित किया जाएगा. कृषि क्षेत्र में उनके कौशल के विकास के लिए सरकार ने एक विशेष पहल की है. राज्य के 32 कृषि विज्ञान केन्द्रों में उन्हें 4 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. रोजगार के लिए कृषि विभाग केन्द्र की ओर से उन्हें समेकित कृषि प्रणाली, वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पादन, फार्म देखभाल, न्यूट्री गार्डिंग जैसे एक दर्जन कार्यक्रम प्रशिक्षण के लिए निश्चित किये गए हैं. कृषि विभाग प्रवासियों को प्रशिक्षण देकर अपने घर में स्वरोजगार करने के लायक बनाने में उन्हें हुनरमंद बनाएगा.

35 श्रमिकों के समूह को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. चार महीने में एक कृषि विज्ञान केन्द्र में ऐसे 16 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे. 04 जुलाई को मुजफ्फरपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र सरैया में इसके पहले बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा. मुजफ्फरपुर में दो कृषि विज्ञान केन्द्र हैं – सरैया और मुरैल. इन दोनों केन्द्रों पर विस्तृत योजना बनाई गई है. प्रशिक्षण के पहले फेज में जिले के 560 प्रवासियों व लॉकडाउन से प्रभावित होने वाले कामगारों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

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