पाकिस्तान में नेताओं की राजनीति पूर्ण रुपेण भारत विरोध पर टिकी है. जो नेता जितनी अधिक भारत की बुराई करता है, उसे उतना ही बड़ा पद दिया जाता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की एक करीबी मंत्री ने इस सत्य को स्वीकार किया है, कुछ दिन पहले ही एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में एंटी इंडिया सेंटीमेंट का चूरन सबसे अधिक बिकता है. इसलिए, सभी राजनेता इस मुद्दे को सबसे ज्यादा उछालते हैं. वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का भी शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता होगा, जब वह भारत के विरोध में कोई बयान न दें.
भारत विरोध पाकिस्तानी नेताओं की रोजी-रोटी
पाकिस्तानी पंजाब सूबे की सूचना और संस्कृति मामलों की स्पेशल असिस्टेंट और इमरान खान के करीबियों में शुमार फिरदौस आशिक अवान ने पाकिस्तानी मीडिया ARY News के साथ बातचीत में कहा कि भारत विरोध ही उन जैसे नेताओं की रोजी रोटी है.
एंकर ने पूछा कि हमने बहुत आम नहीं कर दिया है कि गद्दारी, भारत, मोदी जैसे मुद्दों का हर जुमले में इस्तेमाल हो?
इस पर जवाब देते हुए फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि हमारे अवाम के जो एंटी इंडिया सेंटीमेंट्स हैं, वो चूरन सबसे अधिक बिकता है. जो सबसे ज्यादा बिकता हो, लोग उसी को सबसे ज्यादा बेचते भी हैं. इस पर एंकर ने पूछा कि आजकल गवर्नमेंट यही सब कर रही है? तब फिरदौस ने जवाब दिया कि यह केवल सरकार ही नहीं, बल्कि सभी लोग कर रहे हैं.
एंकर ने जब पूछा कि एंटी इंडिया का चूरन तो गवर्नमेंट बेचती है, विपक्षी पार्टियां नहीं बेचतीं. इस पर फिरदौस ने कहा कि विपक्ष ने तो ऐसे-ऐसे मसाले बेचे हैं जो मोदी के लिए मजेदार और लजीज हैं.
इमरान की करीबी नेता हैं फिरदौस
फिरदौर आशिक अवान प्रधानमंत्री इमरान खान की बेहद करीबी नेता हैं. उन्होंने पीटीआई की सरकार से पहले इमरान खान के मूवमेंट फॉर चेंज अभियान में भी सक्रिय भागीदारी की थी. इसी दौरान इमरान खान ने इस्लामाबाद का करीब महीने भर घेराव किया था. वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. अप्रैल 2019 में इमरान खान ने अपनी सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय में स्पेशल असिस्टेंट का पद दिया था.