लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं व बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से 17 अक्तूबर को मिशन शक्ति का शुभारंभ किया. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. मिशन शक्ति के तहत प्रक्रियाओं को भी तेज किया गया है. मिशन शक्ति के शुरुआती दो दिनों में महिलाओं और मासूसों के साथ दरिंदगी व हत्या के 11 मामलों में 14 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाई गई है. इसके साथ ही 11 अन्य मुकदमों में 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई. सरकार की ओर से यह जानकारी प्रदान की गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के पहले व दूसरे दिन अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है. फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपियों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई. अभियान के दूसरे दिन 19 अक्तूबर को 28 मुकदमों में 30 आरोपियों के विरुद्ध पत्रावलियां सत्र न्यायालय पहुंचाई गईं, जिनमें प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही थी.
दो दिनों में 54 मामलों के कुल 62 आरोपियों के खिलाफ पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं. इसके अलावा 347 आरोपियों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की. साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई.
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपियों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं. 17 अक्तूबर से से 22 अप्रैल 2021 तक मिशन शक्ति के तहत महिला व बाल अपराधों में अभियान के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
इन मामलों में हुई फांसी की सजा
– औरैया में किशोरी की घर में घुसकर हत्या में आरोपित अजय कुमार को सजा
– हापुड़ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित अंकुर तेली व सोनू उर्फ पउवा को सजा
– मुजफ्फरनगर में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या में आरोपित कलीम उर्फ कल्लू को सजा
– रामपुर में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित नाजिल को सजा
– लखनऊ में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित बबलू को सजा
– अमरोहा में वृद्धा से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित उपेन्द्र को सजा
– बरेली में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित मुरारी लाल व उमाकांत गंगवार को सजा.
– अयोध्या में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित संतोष नट व तेजपाल नट को सजा.
– आगरा की दो घटनाओं में भी आरोपितों को सजा.
ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर नंबर वन यूपी – ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर सबसे अधिक करीब 17 लाख सूचनाएं दर्ज कर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करने के मामले में कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, बिहार, असम, तमिलनाडु, राजस्थान व गुजरात काफी पीछे हैं. करीब 23 हजार सूचनाएं दर्ज कर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है. एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय का कहना है कि पोर्टल पर अधिक सूचनाएं दर्ज होने का लाभ आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के तौर पर मिल रहा है.
अभियोजन विभाग ने बेहतर पैरवी कर दोषियों को फांसी की सजा करवाई, उनमें औरैया, हापुड़, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, अमरोहा, बरेली और रामपुर के कुल 14 अभियुक्त शामिल हैं. लखनऊ में छह वर्षीय बच्ची का रेप और हत्या करने के दोषी बबलू को फांसी की सजा करवाई गई. इसी तरह महोबा, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, बलिया, मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मथुरा और महाराजगंज में महिलाओं व बालिकाओं के साथ अपराध करने वालों को आजीवन कारावास की सजा करवाई गई.