करंट टॉपिक्स

रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर रखने के मामले में मोहम्मद साबिर गिरफ्तार, रेलवे कर्मी है साबिर

Spread the love

भोपाल/खंडवा.

रेलवे ट्रैक पर सागफटा स्टेशन के पास फॉग डेटोनेटर रखने के मामले में आरपीएफ ने 38 वर्षीय मोहम्मद साबिर को गिरफ्तार किया है. साबिर पर रेलवे के डेटोनेटर चुराने का प्रकरण दर्ज किया गया है. सेना की विशेष ट्रेन को डिरेल करने का षड्यंत्र रचने की आशंका के चलते रेलवे, आईबी, एनआईए, एटीएस जांच एजेंसियां जांच में जुटी हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद साबिर पर घटना के बाद से ही जांच एजेंसियों को संदेह था. दो दिन तक कड़ी पूछताछ के बाद अब रेलवे द्वारा यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि एक्सपायर डेटोनेटर साबिर के पास कहां से पहुंचे और सेना की विशेष ट्रेन के नीचे लगाने का उद्देश्य क्या था. न्यायालय ने साबिर को 25 सितंबर तक आरपीएफ को रिमांड पर सौंपा है. उससे पूछताछ में घटना का सच सामने आ सकेगा. सुरक्षा एजेंसियां भी पता लगाने में जुटी हैं कि उसके संपर्क में कौन-कौन लोग थे.

आरोपी साबिर बार-बार बयान बदल रहा है. साथ ही कह रहा है कि उस दिन वह छुट्टी पर था. हालांकि एटीएस को उसकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है. साथ ही उसके कनेक्शन की जांच भी की जा रही है.

पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में एक आर्मी स्पेशल ट्रेन के गुजरने से पहले पटरी पर 10 डेटोनेटर रख दिए था. ट्रेन के आने से पहले डेटोनेटर फट गया था. घटना के बाद हड़कंप मच गया. मामले में आरपीएफ ने सोमवार को रेलवे कर्मचारी को हिरासत में लिया. यह घटना 18 सितंबर की है. नेपा नगर और खंडवा स्टेशनों के बीच सगफाटा के पास डेटोनेटर फटने से सेना की स्पेशल ट्रेन को रोकना पड़ा था. भारतीय सेना की स्पेशल ट्रेन जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी.

साबिर, मेट के पद पर कार्यरत है, ट्रैक की पेट्रोलिंग की ज़िम्मेदारी संभालता है. मेट का पद गैंगमैन से ऊपर होता है. अधिकारी के अनुसार, ये डेटोनेटर केवल दो या तीन सरकारी विभागों को ही दिए जाते हैं. आरोपी को आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए गए थे. साबिर ने अपने बयान में दावा किया है कि घटना वाले दिन वह ड्यूटी पर नहीं था और नशे में था. साबिर खंडवा का रहने वाला है और खंडवा सिमी का सक्रिय केंद्र रहा है, जिसके चलते एजेंसियां सतर्क हैं.

आतंकी कनेक्शन की जांच

पूछताछ के दौरान साबिर कई बार अपना बयान बदल चुका है. वह कभी कह रहा है कि साथियों को फंसाने के लिए उसने ऐसी साजिश रची थी. कभी इससे भी मुकर जा रहा है. एटीएस यह पता लगा रही है कि किसी प्रतिबंधित संगठन से तो इसका कनेक्शन नहीं है.

रेलवे स्टेशनों की सीमा में शुरू हुआ ऑपरेशन कवच

ट्रेनों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. साबरमती और कालिंदी एक्सप्रेस की घटना पहले से ही पुलिस के लिए चुनौती थी, सरसौल के प्रेमपुर में रेल ट्रैक पर सिलिंडर रखकर एक और चुनौती साजिशकर्ताओं ने दे दी. ऐसे में रेलवे अब रेलवे स्टेशनों की सीमा में ऑपरेशन कवच चलाया है. अभियान के तहत जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे और पुलिस टीमें मिलकर अराजकतत्वों का डाटा जुटाएंगी. हाईवे या फिर मुख्य मार्गों के पास के रेलवे स्टेशनों पर खास नजर रखी जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *