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देशभर में 1 लाख 30 हजार से अधिक सेवा कार्य संचालित हो रहे – पराग अभ्यंकर

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Sewa Karya File Photo

भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर जी ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि संघ के सेवा प्रकल्प द्वारा देशभर में 1 लाख 30 हजार से अधिक सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं. इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन तथा सामाजिक क्षेत्र आदि मुख्य हैं.

स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लगभग 1200 गांवों में महिलाओं को रोजगार सुलभ करवाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के लिए सिलाई-कढ़ाई, बुनाई केंद्र, ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इस प्रकार की योजना सारे देश में संचालित की जा रही है, ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को प्रोत्साहन मिले, इस दृष्टि से उत्पादों की मार्केटिंग भी की जाती है.

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लगभग एक लाख गांवों में सेवा केंद्र खोले गए, जिनमें लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने अपनी सेवाएं दीं. जिसके कारण कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिली. संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिए भी हम तत्पर हैं. औषधियां, वैक्सीनेशन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सहित अन्य संसाधन भी कोरोना प्रभावित लोगों को उपलब्ध करवाए गए और चिकित्सालयों को भी मदद की गई, ताकि कोरोना जैसे घातक रोग पर काबू पाया जा सके. कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने राशन किट तथा अन्य सामग्री उपलब्ध करवाकर उल्लेखनीय सेवाएं दी. देशभर में 156 सर्व सुविधायुक्त चिकित्सालय संचालित किए जा रहे हैं.

इसके अतिरिक्त 18-19 बड़े चिकित्सालय भी हैं, जहां गंभीर मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में चलित औषधालय (मोबाइल क्लीनिक) भी संचालित हो रहे हैं. आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, प्राकृतिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति द्वारा भी रोगियों की सेवा की जा रही है. इंदौर सहित कई स्थानों पर गुरुजी सेवा न्यास संचालित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से भी चिकित्सा व्यवस्था की जा रही है. 3 हजार 500 से अधिक स्थानों पर आरोग्य पैथी चिकित्सा केंद्र भी संचालित हो रहे हैं.

उन्होंने बताया कि सामाजिक दृष्टि से मातृछाया केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें बच्चों के पालन पोषण की व्यवस्था की जाती है. विधवा आश्रम, अनाथ आश्रम महिलाओं को पढ़ाने के लिए छात्रावास भी संचालित किए जा रहे हैं. इंदौर में सेवादाता एप प्रारंभ किया गया है, जिसमें अभी तक 650 पंजीयन हो चुके हैं. यह एप 60 प्रकार के रोजगार उपलब्ध करवाने में मदद करता है. इससे जहां रोजगार की व्यवस्था संभव है, वहीं विश्वसनीय कार्यकर्ता भी उपलब्ध हो जाते हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में भी कई उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं. नार्थ इस्ट के बच्चों को शिक्षित करने की दृष्टि से 336 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, इनमें 12 कक्षा तक के बच्चों को अध्ययन कराया जाता है. अभी तक 3 हजार से अधिक बच्चे शिक्षित होकर देशभक्ति तथा देश के प्रति समर्पित भाव से देश के विभिन्न हिस्सों में कार्य कर रहे है.

सेवागाथा एप भी…..

उन्होंने बताया कि सेवागाथा एप भी बनाया गया है जो सेवा कार्यों के प्रचार-प्रसार और गतिविधियों से अवगत करवाता है. यह वर्तमान में हिंदी, मराठी, अंग्रेजी तथा कन्नड़ भाषाओं में सेवा दे रहा है तथा गुजराती में शीघ्र ही प्रारंभ हो रहा है. संघ के इस सेवा प्रकल्प के कारण समाज के हर क्षेत्र में लोगों में समर्पण भाव और समाज के प्रति सेवा के भाव जागृत हुआ है, जिससे सेवा प्रकल्पों को काफी बल मिला है. अधिक से अधिक लोग सेवा प्रकल्प से जुड़ें और समाज को उन्नत बनाने की दिशा में अग्रसर हों, यह आज की आवश्यकता है.

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